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जूरी बोर्ड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर हुई टिप्पणी से किया किनारा, कहा- “पूरी तरह से लैपिड का निजी बयान”

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गोवा: जूरी बोर्ड ने मंगलवार को ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर जूरी हेड की टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया और उन्हें “पूरी तरह से उनका निजी बयान” बताया. इजराइली फिल्म निर्माता नादव लापिड ने द कश्मीर फाइल्स को अश्लील और प्रोपगेंडा पर आधारित फिल्म करार दिया था.

 

53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के समापन समारोह में सोमवार को महोत्सव के जूरी प्रमुख नादव लापिड ने एक आलोचनात्मक भाषण में द कश्मीर फाइल्स को प्रतियोगिता खंड में शामिल होने की अनुमति देने पर निराशा व्यक्त की थी.

 

प्रतियोगिता में शामिल 15 फिल्मों में से अधिकांश की गुणवत्ता की प्रशंसा करते हुए, लैपिड ने जूरी की ओर से कहा: ‘द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखकर हम सभी डिस्टर्ब और हैरान थे. यह फिल्म हमें अश्लील और प्रोपेगेंडा बेस्ड लगी. इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के लिए ये फिल्म उचित नहीं है. मैं आप लोगों के साथ अपनी फीलिंग को खुले तौर पर इसीलिए शेयर कर सकता हूं, क्योंकि इस समारोह की आत्मा ही यही है कि हम यहां आलोचनाओं को स्वीकार करते हैं और उस पर चर्चा करते हैं.’

 

उन्होंने आगे कहा, ‘इस समारोह में हमने डेब्यू कॉम्पटीशन में 7 फिल्में देखीं और इंटरनेशनल कॉम्पटीशन में 15 फिल्में देखीं. इसमें से 14 फिल्म सिनेमैटिक फीचर्स वाली थीं. 15वीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स से हम सभी को परेशान और हैरान करने वाली थी.’

 

लैपिड के इस बयान के बाद इस पर इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने खेद जताते हुए कहा, कि मुझे आपके बयान पर शर्म आती है. लैपिड जब ये बातें कह रहे थे, उस दौरान गिलोन, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर समेत कई बड़े नेता भी मौजूद थे.

 

वहीं अभिनेता अनुपम खेर और फिल्म मेकर अशोक पंडित ने भी बयान पर विरोध जताया है. खेर ने कहा कि सदबुद्धि दे भगवान दे. पंडित ने कहा कि कश्मीर फाइल्स को अश्लील नहीं कहा जा सकता है.