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गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के साथ भारत में जमात कार्यकर्ताओं का विवरण साझा किया

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गृह मंत्रालय ने तेलंगाना में COVID-19 पॉजिटिव मामलों के सामने आते ही 21 मार्च, 2020 को सभी राज्यों के साथ भारत में तब्लीग़ जमात कार्यकर्ताओं का विवरण साझा किया।

इस त्वरित कार्रवाई का उद्देश्य COVID-19 पॉजिटिव जमात कार्यकर्ताओं की पहचान करना, उन्हें अलग करके क्वारन्टीन करना था, जिससे देश में COVID-19 को और फैलने से रोका जा सके।

इस संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ-साथ सीपी, दिल्ली को भी निर्देश जारी किए गए थे। 28 और 29 मार्च को भी DIB द्वारा सभी राज्य डीजीपी को इस विषय में पत्र लिखे गए।

इस बीच, दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज़ में रहने वाले जमात कार्यकर्ताओं को भी राज्य के अधिकारियों और पुलिस ने मेडिकल स्क्रीनिंग के लिए अनुरोध किया। 29 मार्च तक, लगभग 162 जमात कार्यकर्ताओं को चिकित्सकीय रूप से जांचा गया और क्वारन्टीन केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया।

अब तक 1339 जमात कार्यकर्ताओं को एलएनजेपी, आरजीएसएस, जीटीबी, डीडीयू अस्पतालों और ऐम्स, झज्जर के अलावा नरेला, सुल्तानपुरी और बक्करवाला क्वारन्टीन केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। उनमें से बाकी को वर्तमान में COVID-19 संक्रमणों के लिए चिकित्सकीय रूप से जांचा जा रहा है।

आमतौर पर, भारत आने वाले तब्लीग़ जमात से जुड़े सभी विदेशी नागरिक पर्यटक वीजा पर आते हैं। गृह मंत्रालय द्वारा पूर्व में जारी दिशा-निर्देश के अनुसार जमात के इन विदेशी कार्यकर्ताओं को पर्यटक वीजा पर मिशनरी काम में शामिल नहीं होना चाहिए। इस संबंध में सभी राज्य पुलिस इन सभी विदेशी जमात कार्यकर्ताओं के वीजा की श्रेणियों की जांच करेगी और वीजा शर्तों के उल्लंघन के मामले में आगे की कार्रवाई करेगी।

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पृष्ठभूमि

तब्लीग़ जमात मुख्यालय (मरकज़) दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित है। धार्मिक उद्देश्य के लिए देश भर और विदेशों से मुस्लिम मरकज़ जाते हैं। कुछ लोग तब्लीग़ गतिविधियों के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में समूहों में भी जाते हैं। यह पूरे वर्ष एक सतत प्रक्रिया है।

21 मार्च को मिशनरी काम के लिए लगभग 824 विदेशी तब्लीग़ जमात कार्यकर्ता देश के विभिन्न हिस्सों में थे। इसके अलावा, लगभग 216 विदेशी नागरिक मरकज़ में रह रहे थे।

इसके अलावा, 1500 से अधिक भारतीय जमात कार्यकर्ता भी मरकज़ में रह रहे थे, जबकि लगभग 2100 भारतीय जमात कार्यकर्ता मिशनरी काम के लिए देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रहे थे। 23 मार्च के बाद से, निजामुद्दीन और तब्लीग़ के आस-पास और पूरे दिल्ली सहित आसपास के राज्यों के अधिकारियों/पुलिस द्वारा लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया गया।

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