दिल्ली: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के टर्मिनल 3 का औचक निरिक्षण किया. सिंधिया ने एयरपोर्ट के अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों से बातचीत की.
सिंधिया के कार्यालय द्वारा जारी एक वीडियो में कहा गया है, “यह मंत्री का हवाई अड्डे का औचक दौरा था और उन्होंने सभी संदिग्ध भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया और भीड़भाड़ से बचने के लिए अधिकतम सुनिश्चित करने के लिए हवाईअड्डे के कर्मचारियों से बातचीत की.”
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया द्वारा जानकारी देते हुए कहा, हमने प्रवेश द्वारों की संख्या बढ़ाकर 16 कर दी है. हवाईअड्डे के अंदर अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी जहां हमने निर्णय लिया है कि प्रवेश से पहले प्रतीक्षा समय प्रदर्शित करने के लिए प्रत्येक प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगाया जाना चाहिए.
हमने प्रवेश द्वारों की संख्या बढ़ाकर 16 कर दी है। हवाईअड्डे के अंदर अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी जहां हमने निर्णय लिया है कि प्रवेश से पहले प्रतीक्षा समय प्रदर्शित करने के लिए प्रत्येक प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगाया जाना चाहिए: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया pic.twitter.com/BXzGXfYbNW
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) December 12, 2022
यह दौरा उस वक्त किया गया जब रविवार को बहुत-से यात्रियों को काफी लम्बा इंतज़ार करना पड़ा था, और उनमें से कई ने सोशल मीडिया पर इस दिक्कत के बारे में पोस्ट किया, तथा इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA) के टर्मिनल 3 (टी3) पर मौजूद भीड़ की तस्वीरें भी शेयर कीं थी.
एक यात्री के ट्वीट के जवाब में दिल्ली एयरपोर्ट ने कहा था कि उसने यात्रियों की मदद करने तथा असुविधा को कम करने के लिए अधिकारियों की तैनाती कर दी है. लम्बी-लम्बी कतारों की शिकायत करते हुए यात्री ने कहा था कि अब नए टर्मिनल बनाए जाने की ज़रूरत है.
केंद्रीय मंत्री का दौरा दिल्ली इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर भीड़भाड़ के कारण हो रहे भारी विरोध की प्रतिक्रिया है.
इसके अलावा, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए सरकार द्वारा चार सूत्री कार्य योजना तैयार की गई थी.
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) के बीच चर्चा के बाद कार्य योजना तैयार की गई है और इस पर तत्काल उपचारात्मक उपाय के रूप में काम किया जा रहा है.