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काशी के चुनावी स्वर: पं छन्नूलाल मिश्र और सोनल मानसिंह से न्यूज़मोबाइल की ख़ास बातचीत

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‘ज्ञान नगरी’ के नाम से प्रसिद्ध काशी में ऐसे ही कई फनकारों के सुर भी गूंजते हैं, जिनकी लय पर सूरज धीमे-धीमे गंगा की कोख से निकलकर आस्मां की डोर पर चलता है. पंडित छन्नूलाल मिश्रा के नाम के बगैर फनकारों की यह सूची अधूरी है.

बीते एक महीने में काशी के गंगा तटों का श्रृंगार कुमकुम, फूल, आरती के साथ-साथ चुनाव बिगुल के ऊंचे स्वरों से भी हुआ है. चुनाव की दृष्टि से बेहद अहम मानी जाने वाली ‘भगवान शिव की नगरी’ काशी में ना जाने कितने राजनेताओं ने आकर गंगा आरती की धीमी खुशबू के बीच चुनावी रण को जीतने की हुंकार भरी. प्रधानमंत्री मोदी के छ: किलोमीटर लम्बे रोड शो से रचे इतिहास के साक्षी रहे हैं गंगा के यह तट.

चुनावी रण की इसी गूंज को सुनने और आपको सुनाने के लिए न्यूज़मोबाइल की टीम काशी पहुंची. चुनाव के मौसम में ‘हवा’ की दिशा और गति को समझने के लिए न्यूज़मोबाइल के एडिटर-इन-चीफ सौरभ शुक्ल ने वहां के लोगों से ख़ास बातचीत की.

इसी क्रम में उन्होंने पद्मा भूषण शास्त्रीय संगीतकार एवं गायक पं छन्नूलाल मिश्रा और शास्त्रीय नृतकी सोनल मानसिंह से भी काशी में छिड़ी सियासी जंग को लेकर ख़ास बातचीत की.

पिछले पांच सालों में काशी में हुए बदलावों के सवाल पर पं छन्नूलाल मिश्रा ने कहा कि वे काशी को पिछले 50 सालों से देखती आ रहे हैं, लेकिन पिछले पांच सालों में हुआ बदलाव देखने योग्य है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में सड़कें चौड़ी की गयी हैं और गंगा नदी की सफाई हो रही है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों पर ख़ास बदलाव देखा गया है जैसे पहले के मुकाबले अब स्टेशनों पर पूरी सफाई रहती है, स्वचालित सीढ़ियां लगा दी गयी है और कई नयी ट्रेनें भी शुरू की गयी है.

वहीं शास्त्रीय नृतकी सोनल मानसिंह ने 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी भाजपा की जीत की अपेक्षाओं को लेकर कहा कि इस बार भाजपा 2014 के मुकाबले दोगुनी जीत दर्ज करेगी।

वहीं उन्होंने 100 से भी ज़्यादा अभिनेताओं, फिल्मकारों, निर्माताओं द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के खिलाफ लिखे गए सार्वजनिक पत्र पर उन्होंने कहा कि भले लोग अच्छा काम करते हैं तो चर्चा होना लाज़मी है. साथ ही उन्होंने कलाकारों द्वारा लिखे ऐसे पत्र को एक पब्लिसिटी स्टंट भी बताया.

पं छन्नूलाल मिश्रा ने साथ ही इच्छा जताई कि आने वाले पांच सालों के लिए यदि पीएम मोदी फिर प्रधामंत्री बनते हैं तो काशी में गरीबी और किसानों के मुद्दे पर वे ज़रूर काम करें.

बनारस लोकसभा सीट के लिए 19 मई को चुनाव के आखिरी चरण में मतदान होंगे. चुनाव के नतीजे 23 मई को घोषित किया जाएंगे.