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इस साल नहीं लगेगा ‘लालबाग के राजा का पंडाल’, पूरे देश में गणेश उत्सव की चमक रहेगी फीकी

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यूं तो कोरोना ने पूरी दुनिया को तहस नहस कर दिया है मगर अब इसका कहर भक्तों पर भी बरसने वाला है। मुंबई के सबसे पुराने गणेश मंडलों में से एक है गणेश गली के मुंबईचा राजा मंडल. इस मंडल के गणपति विशाल मूर्ति और पंडाल की भव्य साज-सज्जा के लिए जाने जाते हैं. लेकिन इस बार मंडल ने पहले ही कह दिया है दुनियाभर में मशहूर लालबाग के राजा की प्रतिमा नहीं लगाई जाएगी ।

आपको बता दे की इस बार गणेश उत्सव 22 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। गौरतलब है कि पूरे भारत देश में ही गणेश उतसव बड़ी धूम- धाम से मनाया जाता है। गलियारे, रोड, दूकान, पंडाल सभी रौशनी से चकाचौंध हो जाते है, मगर इस बार ये चमक फीकी रहेगी। मुंबई में कोरोना कि स्थिति को देखते हुए राजा गणपति मंडल ने यह बड़ा फैसला लिया है गणेश पंडाल कि जगह इस साल ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन होगा। साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने के अलावा पाक और चीन सीमा पर शहीद हुए सैनिकों के परिजनों की मदद भी करेगा।

सबसे रहीस गणपति मंडल अब नहीं मनाएगा गणेश उत्सव

जीएसबी का गणेश मंडल सबसे अमीर मंडल माना जाता है जहां गणपति बप्पा को करोड़ों के गहनों से श्रृंगार किया जाता है. अब जीएसबी ने तो कोरोना के चलते फरवरी 2021 तक गणेश उत्सव के आयोजन को ही स्थगित कर दिया है. बाकी मंडल भी या तो मनाएंगे ही नहीं या फिर बहुत ही सादगी के साथ छोटे पैमाने पर मनाएंगे.

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‘मुंबइचा राजा’ के उत्सव नहीं मानाने से मूर्तिकारों का रोज़गार गया

‘मुंबइचा राजा’ नाम से पहचाने जाने वाले गणेश गली गणपति अपनी भव्य सजावट और 22 फीट ऊंची गणपति की मूर्तियों के लिए बहुत प्रसिद्ध है. ये मंडल भारत के प्रसिद्ध मंदिरों की प्रतिकृति बनाता है. पिछले साल विशाल अयोध्या मंदिर बनाया गया था. यहां इस समय तक तैयारी शुरू हो जाती है लेकिन इस साल उत्सव नहीं मनाने के चलते सब सूना पड़ा है और हज़ारों मूर्तिकारों के रोज़गार पर भी संकट आ गया है।

लालबाग में लगेगा ब्लड डोनेशन कैंप

लालबाग के गणपति मंडल ने इस साल गणेशोत्सव की जगह आरोग्य उत्सव मनाने का फैसला लिया है. इसमें 11 दिन का ब्लड डोनेशन कैंप लगाया जाएगा. वहीं इसमें प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीज़ों का इलाज भी होगा. मंडल ने बप्पा के भक्तों से प्लाज्मा और ब्ल्ड डोनेट करने की अपील भी की है.

क्या है राज्य सरकार के दिशानिर्देश?

राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, इस साल गणपति उत्सव का आयोजन ना हो और जहां हो वहां गणपति की प्रतिमा 4 फीट से ऊंची ना हो। ऐसे में मंडल के लोगों का कहना है कि इतनी छोटी प्रतिमा लगाने से दर्शनों के लिए भारी भीड़ उमड़ेगी। वहीं गणपति की लंबाई भी कम नहीं की जा सकती। ऐसे में इस साल प्रतिमा ना लाने का फैसला किया गया है। हर साल लालबाग के राजा की 14 फीट ऊंची प्रतिमा लाई जाती है।

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