आंध्र प्रदेश के एलुरु शहर में एक रहस्यमयी बीमारी ने सबके होश उड़ा दिए है। इस रहस्यमयी बिमारी की वजह से दो दिनों के भीतर मरीजों की संख्या 340 तक पहुंच गई है। चिंताजनक ये है कि मरीजों के आंकड़े बढ़ने के पीछे का कारण डॉक्टर भी नहीं बता पा रहे हैं। हालांकि इस बीमारी में अब तक संक्रामक लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं। वही अब केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि वह मंगलवार को शहर में विशेषज्ञों की टीम भेजेगी ताकि इस पूरे मामले की जांच की जा सके।
157 लोगों का चल रहा इलाज।
जिले के डीएम रेवू मुथयाला राजू के मुताबिक अब तक इस बीमारी की वजह से एक व्यक्ति ने जान गंवाई है वही इस वक्त 157 लोग इलाज करा रहे हैं जबकि 168 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं। अब कई लोग इस बीमारी को प्रदूषित पानी से जोड़कर भी देख रहे हैं।
क्या हुआ है आंध्र के एलुरु में।
दरअसल एलुरु शहर के विद्यानगर इलाके के 45 वर्षीय व्यक्ति रविवार शाम को बीमारी के कारण मौत हो गई। इनकी पहचान श्रीधर के रूप में हुई है। उन्हें सुबह मिर्गी और जी मिचलाने के लक्षणों के साथ स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार श्रीधर शाम तक अपने मिर्गी के लक्षणों से उबर चुके थे और तो और उनकी मौत अन्य सिम्टम्स से हुई।अब पुलिस ने मृतक की ऑटोप्सी रिपोर्ट तलब की है।
कैसे है मरीजों के लक्षण ?
अधिकारियों के अनुसार, एलुरु के सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों में दौरे, उल्टी, चक्कर और गंभीर सिरदर्द के लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन अभी भी बीमारी के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।
सबकी सैंपल भेजे है जांच के लिए।
बता दे कि एक दिन पहले अस्पताल का दौरा करने पहुंचे उप मुख्यमंत्री (स्वास्थ्य) एकेके श्रीनिवास ने यह साफ किया था कि यहां सब कुछ सामान्य है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। श्रीनिवास ने कहा कि ब्लड सैंपल्स इकट्ठे कर उन्हें जांच के लिए भेजा गया है ताकि बीमारी के कारण का पता लगाया जा सके।
तीन सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम हुई गठित।
अब इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीन सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम गठित की है। ये टीम बीमारी के कारणों की जांच करेगी। इस टीम में डॉ. जमशेद नायर (एम्स दिल्ली), डॉ. अविनाश देवश्टवर (एनआईवी पुणे), डॉ. साकेत कुलकर्णी (डिप्टी डायरेक्टर पीएच, एनसीडीसी) शामिल हैं।