क्यूबेवो टेक्नॉलजी प्राइवेट लिमिटेड नाम से चल रहा था कॉल सेंटर।
साइबराबाद पुलिस के मुताबिक, इन सभी लोगों को हैदराबाद के एक कॉल सेंटर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को क्यूबेवो टेक्नॉलजी प्राइवेट लिमिटेड नाम से चल रहे इस कॉल सेंटर पर छापा मारा था। पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनहार ने बताया कि पकड़ा गया चीनी नागरिक शंघाई से भारत में बिजनस वीजा पर आया था।
फिर उस चीनी नागरिक ने भारत आने के बाद गुड़गांव के पते पर एक कंपनी रजिस्टर की । यहां उसने अपने कुछ हिंदुस्तानी साथियों के साथ मिलकर 11 माइक्रो लोन ऐप्स भी बनाए थे। गौर करने वाली बात ये है कि इस काम में इन लोगों ने सिंगापुर की एक कंपनी की मदद भी ली थी।
री-पेमेंट के नाम पर वसूलते थे पैसे।
इसके बाद इन लोगों ने देश भर में तमाम कॉल सेंटर बनाए थे, जो कि लोगों से लोन देने के बाद इसकी री-पेमेंट के नाम पर पैसे वसूलते थे। खास बात ये कि इस पैसे में मूलधन के अलावा इंट्रेस्ट, जीएसटी, डिफॉल्ट चार्जेस, प्रोसेसिंग फीस और पेनॉल्टी के नाम पर पैसे वसूल लिए जाते थे।
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फिर हुआ पर्दाफाश।
शिकायत के मुताबिक अगर लोन लेने वाले लोग पैसे ना लौटा सकें तो उन्हें धमकियां और गालियां दी जातीं। पुलिस का कहना है कि लोन देने वाले लोगों को 7 दिन से लेकर 15 दिन तक की मियाद दी जाती थी। इसी क्रम में साइबराबाद पुलिस ने ऐसे 8 मामले दर्ज किए थे, जिसके बाद इन एप्स के माध्यम से कर्ज देने के बाद जबरन वसूली के कारण हैदराबाद में कई लोगों के आत्महत्या करने के मामले सामने आए थे, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और इस छानबीन शुरू की।
ये सब हुए गिरफ्तार।
साइबराबाद की साइबर क्राइम पुलिस ने जब क्यूबेवो टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (स्काइलाइन) कॉल सेंटर पर छापा मारा तो चार कर्मचारियों – यी बाई उर्फ डेनिस, सत्य पाल ख्यालिया, अनिरुद्ध मल्होत्रा (दोनों राजस्थान के रहने वाले)और आंध्र प्रदेश के मुरथोटी रिची हेमंत सेठ को गिरफ्तार किया है।
चीनी नागरिक जिक्सिया झांग मामले का मुख्य आरोपी।
साइबराबाद के पुलिस आयुक्त वी.सी. सज्जनार के मुताबिक एक अन्य चीनी नागरिक जिक्सिया झांग मामले का मुख्य आरोपी है और वह एक अन्य आरोपी उमापति उर्फ अजय के साथ फरार है।