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MP: सामूहिक विवाह से पहले प्रेग्नेंसी टेस्ट, कांग्रेस ने की जांच की मांग

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भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार की एक सामूहिक विवाह योजना को लेकर डिंडोरी जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के कुछ हितग्राहियों का गर्भ परीक्षण कराने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. चिकित्सकीय परीक्षण के दौरान कुछ भावी दुल्हनें गर्भवती पाई गईं.

 

इस तरह के परीक्षण को गरीबों का अपमान बताते हुए, कांग्रेस विधायक ओंकार सिंह मरकाम ने कहा कि राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि इस तरह के गर्भावस्था परीक्षणों के लिए दिशानिर्देश या नियम क्या हैं.

 

राज्य कांग्रेस प्रमुख और पूर्व सीएम कमलनाथ ने रविवार को इसकी “उच्च स्तरीय जांच” की मांग की. उन्होंने ट्वीट किया, “डिंडोरी जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह में शामिल 200 महिलाओं के गर्भावस्था परीक्षण की रिपोर्ट आ रही है. मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह सच है. यदि यह सच है, तो किसके इशारे पर महिलाओं का इतना अपमानजनक अपमान किया गया? क्या मुख्यमंत्री की नजर में गरीब और आदिवासी समुदाय की महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है?”

 

कमलनाथ ने टिप्पणी की कि मौजूदा सरकार में महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में मप्र पहले से ही शीर्ष पर है. ‘दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. यह केवल गर्भावस्था परीक्षण तक ही सीमित मुद्दा नहीं है, बल्कि महिलाओं के प्रति गलत रवैये को दर्शाता है.”

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