विश्व हिंदी दिवस आज, जानें क्या है इसका इतिहास और इस साल की थीम?
आज दुनिया विश्व हिंदी दिवस मना रही है। देश और दुनिया में हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में पहला विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था। विश्व हिंदी दिवस को औपचारिक रूप से मनाने की घोषणा 2006 में हुई थी। दुनिया में हिंदी का प्रचार-प्रसार करने के लिए तथा हिंदी को लेकर दुनियाभर के तमाम देशों में बसे भारतीयों को एक सूत्र में बांधने के लिए भी विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।
आज हिंदी दुनिया की सबसे ताकतवार भाषाओं में शामिल है। अब धीरे-धीरे विदेशों में भी हिंदी भाषा लोकप्रिय हो रही है। गौरतलब है की साल 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में बच्चा, बड़ा दिन, अच्छा और सूर्य नमस्कार जैसे शब्दों को जोड़ा गया। विदेशों में हिंदी के महत्व को बताने और इसे खास दर्जा दिलाने के लिए ही हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
बताते चले कि विश्व हिंदी दिवस और हिंदी दिवस में अंतर है। भारत में हिंदी दिवस 14 सितंबर को होता है। वहीं हर साल विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है। दोनों दिनों का मकसद हिन्दी को प्रोत्साहित करना है। विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर इसे बढ़ावा देना है।
लेकिन आपको बता दें कि हिंदी को हम हमारी राष्ट्रभाषा के तौर पर स्थापित क्यों नहीं कर पाए। हिंदी आज भी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है बल्कि राजभाषा है यानि राज्य के कामकाज में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा। हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर 1949 को मिला था, लेकिन राष्ट्रभाषा को लेकर लंबी बहसें चलीं पर नतीजा कुछ नहीं निकला।
14 सितंबर के दिन 1949 में संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा बनाने का फैसला किया था। इस दिन की याद में राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। जबकि विश्व हिंदी दिवस का मकसद विश्व में हिंदी को बढ़ावा देना है। 10 जनवरी, 2006 को भारत सरकार ने इसे विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। पहले विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में किया गया था।
विश्व हिंदी दिवस को हर साल अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है। विश्व हिंदी दिवस 2024 का सम्मेलन हिंदी पारंपरिक ज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर केंद्रित है।