उत्तप्रदेश के अयोध्या में बनने जा रहे राम लला के मंदिर का इंतज़ार बेसब्री से सबको है। इस राम मंदिर के वैश्विक महत्व को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब इसके निर्माण के लिए नई योजना पर काम कर रही है ।दरअसल अब प्रदेश सरकार ग्लोबल इन्साइक्लोपीडिया ऑफ रामायण के नाम से प्रामाणिक दस्तावेज प्रकाशित यानी पब्लिश करेगी। इसके तहत पूरी दुनिया में रामायण गाथा का संकलन होगा। बता दे मुख्यमंत्री योगी ने इसके लिए दो साल पहले मंजूरी दे दी थी।
योजना पर शुरू हो चूका है काम।
अयोध्या शोध संस्थान के डायरेक्टर डॉ. वाईपी सिंह के मुताबिक इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। दरअसल सीएम योगी ने मई 2018 में बैठक में इस योजना पर काम करने की सहमति जताई थी जिसके बाद अब पांच साल का लक्ष्य बनाकर इसके प्रकाशन की योजना तैयार की गयी है।
50-60 लाख की मदद भी मिली।
अयोध्या शोध संस्थान के डायरेक्टर डॉ. वाईपी सिंह के मुताबिक 5 साल के इसप्रोजेक्ट के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा हाल ही में 50-60 लाख की मदद दी गई है वही इस प्रोजेक्ट के सिलसिले में कॉन्फ्रेंस के आयोजन और विदेशी संपर्क सूत्रों से वार्ता की शुरुआत कर दी गई है।
इन्साइक्लोपीडिया को 150 खंडों में पब्लिश करने की है योजना।
इसके तहत इन्साइक्लोपीडिया को 150 खंडों में प्रकाशित करने का प्लान तैयार किया गया है,जिसमें देश के सभी राज्यों और डेढ़ दर्जन दूसरे देश राम कथा पर सामग्री संकलित यानी इखट्टा करेंगे और उन सभी को एक साथ जोड़कर प्रकाशित (पब्लिश) किया जाएगा।
क्या है इसका मकसद ?
सरकार इस प्रोजेक्ट के जरिए देश की युवा पीढ़ी को भगवान श्रीराम के चरित्र, आदर्श और उनकी यशगाथा को दस्तावेजों, तथ्यों और प्रमाणों को अनुसंधान के बाद पेश करना चाहती है।
रामायण देशों का बनेगा समूह, विदेश मंत्रालय की ली जाएगी मदद।
इसके साथ शोध संस्थान रामायण देशों का समूह बनाने पर भी काम कर रहा है। इसमें विदेश मंत्रालय की भी मदद ली जाएगी। इतना ही नहीं अध्ययन के दायरे में यानी रिसर्च के लिए दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व एशिया, मिस्र, यूरोप, अमेरिका, कैरेबियन, अफ्रीकी देश आएंगे।
अयोध्या शोध संस्थान के डायरेक्टर डॉ. वाईपी सिंह के मुताबिक ग्रुप ऑफ रामायण देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड, सूरीनाम, त्रिनिनाद, गुयाना, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस, मॉरीशस, केन्या आदि देश शामिल होंगे। इसके साथ ही इटली और इलाके में भी श्रीराम और हनुमान के शिलालेख, अमेरिका के होंडुरास के जंगलों में भगवान राम की मूर्ति और अन्य देशों में भगवान राम से जुड़े शिलालेख और पुरातत्व महत्व के चिन्हों का अध्ययन और संकलन किया जा रहा है। जिसके बाद सभी देशों की रामलीलाओं का भी दस्तावेजीकरण होगा। इतना ही नहीं दुनिया के तमाम देशों के मंदिरों में स्थापित राम-सीता की मूर्तियों आदि को भी अध्ययन का विषय बनाया जाएगा।