उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बीएसएफ के पूर्व जवान तेजबहादुर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले तेजबहादुर की याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल बीएसएफ के पूर्व जवान तेजबहादुर चुनाव लड़ने में असफल रहे थे और उन्होंने दोबारा चुनाव की मांग की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट तेजबहादुर की पीएम मोदी के निर्वाचन को रद्द करने मांग की याचिका खारिज कर चुका था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
जिसके बाद BSF के पूर्व जवान तेज बहादुर द्वारा दाखिल अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने यह फैसला दिया। बता दे इससे पहले, 17 नवंबर को अदालत ने इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती।
तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। दरअसल इस पूरे मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का मानना था कि तेज बहादुर न तो वाराणसी के वोटर हैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उम्मीदवार थे। इस आधार पर उसका इलेक्शन पिटीशन दाखिल करने का कोई औचित्य नहीं बनता। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने तेज बहादुर के वकील के सुनवाई को स्थगित करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।
क्या कहा पीठ ने ?
पीठ ने कहा था कि प्रधानमंत्री कार्यालय अनूठा कार्यालय है और इसके खिलाफ याचिका को अनिश्चितकाल के लिए लंबित नहीं रखा जा सकता। अदालत ने टिप्पणी की थी कि तेज बहादुर का नामांकन उचित तरीके से खारिज किया गया था या अनुचित तरीके से, यह उनकी पात्रता पर निर्भर करता है।
गौरतलब है कि तेज बहादुर ने सैन्य बलों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर शिकायत करते हुए एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया था, जिसके बाद उन्हें 2017 में बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था।