खून के बदले आजादी देने का वादा करने वाले आज़ाद हिन्द फ़ौज बनाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा है। 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में एक संपन्न बांग्ला परिवार में जन्मे सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती मनाई जा रही है।
पराक्रम दिवस के रूप में मनेगा जन्मदिन।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन अबसे पूरे देश में ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नेताजी की जयंती की पूर्व संध्या पर सिलसिलेवार कई ट्वीट किए हैं। इनमें उन्होंने देश के प्रति सुभाष बाबू की निष्ठा और समर्पण भाव को याद किया है।
Dear sisters and brothers of West Bengal,
I am honoured to be in your midst, that too on the auspicious day of #ParakramDivas.
During the programmes in Kolkata, we will pay tributes to the brave Netaji Subhas Chandra Bose. https://t.co/FDZtTiQe3O
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2021
पीएम ने ट्वीट में लिखा, ‘कल भारत, महान नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाएगा। देशभर में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में से एक विशेष कार्यक्रम गुजरात के हरिपुरा में आयोजित किया जाएगा। दोपहर 1 बजे से आयोजित होने वाले इस प्रोग्राम में शामिल हो सब।
Tomorrow, India will mark #ParakramDivas, the Jayanti of the great Netaji Subhas Chandra Bose. Among the various programmes being organised across the nation, one special programme is being held at Haripura in Gujarat. Do join the programme, which begins at 1 PM.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2021
Haripura has a special relation with Netaji Subhas Chandra Bose. It was at the historic Haripura Session of 1938 that Netaji Bose took up the Presidentship of the Congress Party. Tomorrow’s programme at Haripura will be a tribute to Netaji Bose’s contribution to our nation.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2021
On the eve of Netaji Bose’s Jayanti, my mind goes back to 23rd January 2009- the day we launched e-Gram Vishwagram Project from Haripura. This initiative revolutionised Gujarat’s IT infrastructure and took the fruits of technology to the poor, in the remotest parts of the state. pic.twitter.com/4QDzklcBLV
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2021
I can never forget the affection of the people of Haripura, who took me through an elaborate procession on the same road as Netaji Bose was taken, in 1938. His procession included a decorated chariot drawn by 51 bullocks. I also visited the place where Netaji stayed in Haripura. pic.twitter.com/8OaLGZv6L5
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2021
May the thoughts and ideals of Netaji Subhas Chandra Bose keep inspiring us to work towards building an India that he would be proud of…a strong, confident and self-reliant India, whose human-centric approach contributes to a better planet in the years to come. pic.twitter.com/6UxeBoKJX7
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2021
পশ্চিম বঙ্গের প্রিয় ভাই ও বোনেরা,
পরাক্রম দিবসের, এই শুভ দিনটিতে আপনাদের মধ্যে আসতে পেরে আমি নিজেকে ধন্য মনে করছি।
কলকাতায় এই উপলক্ষ্যে আয়োজিত অনুষ্ঠানে আমরা বীর-কেশরী সুভাষ চন্দ্র বসুকে শ্রদ্ধার্ঘ্য জানাব#ParakramDivas https://t.co/FDZtTiQe3O
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2021
कैसे मनेगा उनका जन्मदिन ?
- सुभाष चंद्र बोस की वर्षगांठ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूमधाम से मनाई जाएगी।
- संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के मुताबिक संस्कृति मंत्रालय ने इस वर्ष कई गतिविधियों और परियोजनाओं का प्रस्ताव किया है।
- कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में 23 जनवरी को होने वाले उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे।
- इस अवसर पर नेताजी जी के बारे में एक प्रदर्शनी और एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो का उद्घाटन किया जाएगा।
- नेताजी पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम अमरा नूतॉन जौबनेरी दूत आयोजित किया जाएगा।
- एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा।
- संस्कृति मंत्रालय भी कटक, ओडिशा में नेताजी के जन्मस्थान पर एक कार्यक्रम आयोजित करेगा।
- गुजरात के हरिपुरा में एक अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है।
- दूरदर्शन और आकाशवाणी भी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन और कार्यों पर चर्चा, लघु फिल्म और अन्य कार्यक्रम बनाएंगे।
बता दे नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था। वह भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के सबसे अग्रणी नेता थे। खास बात ये है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन भी किया था।
भारतीय इतिहास के इसी महानायक के त्याग,बलिदान और लगन ने भारत को आदाज़ी का रास्ता दिखाया था। नेताजी ने दुनियां में जहां पहली महिला फ़ौज का गठन किया वहीं कूटनीतिक प्रयासों के जरिए आज़ाद हिन्द सरकार बनाई। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया।
इसीलिए आज उनका जन्मदिन पूरा देश पराक्रम दिवस के रूप में मना रहा है।