बिहार: पिछले कुछ दिनों बिहार में चल रही सियासी उथल पुथल के बीच रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर एक बार फिर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली है. रविवार शाम राजभवन में नीतीश कुमार ने 9वीं बार सीएम पद की शपथ ग्रहण की. नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “जहां थे वहीं फिर आ गए हैं और अब इधर-उधर जाने का कोई सवाल नहीं.”
एक दशक से भी कम समय में यह पांचवीं बार है कि कुमार ने पाला बदला है. इसे आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. वहीं नीतीश के इस फैसले के बाद से ही अब प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गईं हैं.
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “कांग्रेस किसी को रोकने की कोशिश नहीं करती. जिसे जाना हो जाओ. कांग्रेस एक महान पार्टी है… INDIA गठबंधन जब से बना तभी से ये गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो गया… अंत में वेंटिलेटर पर गया… कल नीतीश कुमार ने इसका अंतिम संस्कार भी कर दिया. अब INDIA गठबंधन का क्या होगा?…”
RJD नेता मनोज झा ने कहा, “… यदि पूरे देश में भरोसे की हत्या हुई है तो कहीं न कहीं नीतीश कुमार को भी कष्ट होगा… एक सरकार जो बहुजन चरित्र के साथ समाजवादी सरोकारों पर आगे बढ़ रही थी, आज युवाओं में भी देखिए कितनी हताशा है…”
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को ED कार्यालय के समक्ष पेश होने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “… देश की जनता जानती है कि ये भ्रष्टाचारी लोग हैं. भ्रष्टाचार इनके लिए गहना है… मैं तेजस्वी यादव से आग्रह करना चाहता हूं कि वे बिहार के युवाओं को ये तंत्र बता दें कि डेढ़ साल के अंदर करोड़पति कैसे बनते हैं.”