जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू – कश्मीर से धरा 370 हटने के बाद से कोई भी राजनैतिक टिपण्णी नहीं की थी और ना ही कोई सियासी एलान या घोषणा की थी। मगर हाल – फिलहाल ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा, तब तक वो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि देश में वो सबसे ज़्यादा अधिकार प्राप्त विधानसभा का सदस्य रहे है और साथ ही पिछले छह साल तक विधानसभा के नेता भी।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, “मैं ये स्वीकार नहीं कर सकता कि जो सदन पहले जैसा था वैसा नहीं होगा. मेरे ज़्यादातर वरिष्ठ सहयोगी अभी अपने घरो में हिरासत में हैं. नेशनल कांफ्रेंस को भविष्य की राजनीतिक स्थिति को तय करने के लिए पार्टी नेताओं से मिलना बाकी है. मैं पार्टी को मज़बूत करने, अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने और लोगों की आंकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उनका प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा. हम पिछले एक साल में जम्मू कश्मीर पर हुए अन्याय के खिलाफ लड़ते रहे हैं.
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जम्मू कश्मीर के साथ हुई नाइंसाफी
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले एक साल में जम्मू कश्मीर के साथ जो किया गया नेशनल कांफ्रेंस उससे सहमत नहीं है. इसका हम विरोध करेंगे. हमने हमेशा लोकतंत्र और शांतिपूर्ण विपक्ष में विश्वास किया है. लेकिन अफसोस की बात ये है कि लोकतांत्रित अधिकारों को एक साल पहले रौंद दिया गया. दर्जनों राजनेताओं को होम अरेस्ट में रखा गया.