Hindi Newsportal

चमकी बुखार: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, बिहार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ लापरवाही मामले में मजिस्ट्रेट ने जांच के दिए आदेश

चमकी बुखार: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, बिहार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ लापरवाही मामले में मजिस्ट्रेट ने जांच के दिए आदेश
0 717

मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) के कारण बच्चों की मौतों के मामले में लापरवाही बरतने को लेकर मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्यकांत तिवारी ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.

पिछले हफ्ते हर्षवर्धन और पांडे के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाश्मी ने बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयाप्त कोशिशें ना करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था.

कार्यकर्ता ने अपनी याचिका में यह दावा किया है कि ये दोनों ही एनडीए नेता अपनी लापरवाही के कारण राज्य में चमकी बुखार के कहर को रोकने में नाकामयाब रहे.

दोनों मंत्रियों पर धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने), 308 (दोषपूर्ण हत्या) और 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत आईपीसी के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है. अगर इन धाराओं के तहत उन पर लगे आरोप सत्य सिद्ध हो जाते हैं तो ऐसे में आरोपी को एक से लेकर तीन साल तक जेल की सजा मिलने का प्रावधान है.

आज ही सुप्रीम कोर्ट ने चमकी बुखार के मुद्दे पर केंद्र और बिहार सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने दोनों ही सरकारों को हेल्थ सर्विस, न्यूट्रिशन और हाइजिन के क्षेत्रों में सरकार द्वारा बनाई गयी योजनाओं को लेकर हलफनामा दायर करने को कहा है.

ALSO READ: आंध्रा के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने नायडू के सरकारी आवास को तोड़ने का दिया…

चमकी बुखार के कारण मौत के बढ़ते सिलसिले को देखते हुए, एसकेएमसीएच में तैनात सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर डॉ भीमसेन कुमार को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में शनिवार को निलंबित कर दिया गया था.

जिले में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से निपटने में सरकार की कथित असफलता के खिलाफ लोगों ने रविवार को एक विरोध मार्च भी निकाला था.

बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम या ‘चमकी बुखार’ के कारण हुई बच्चों की मौतों का आंकड़ा 152 तक पहुंच गया है. इसका सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर में दिखा है. जहां अकेले श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में अब तक 128 बच्चों की मौत हो चुकी है.

You might also like

Leave A Reply

Your email address will not be published.