मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) के कारण बच्चों की मौतों के मामले में लापरवाही बरतने को लेकर मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्यकांत तिवारी ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.
Bihar: Muzaffarpur Chief Judicial Magistrate, Suryakant Tiwari orders investigation against Union Health Minister Dr Harsh Vardhan&Bihar Health Minister Mangal Pandey, in a case of negligence registered against them, in connection with deaths of children in Muzaffarpur due to AES pic.twitter.com/343Uds6yQd
— ANI (@ANI) June 24, 2019
पिछले हफ्ते हर्षवर्धन और पांडे के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाश्मी ने बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयाप्त कोशिशें ना करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था.
कार्यकर्ता ने अपनी याचिका में यह दावा किया है कि ये दोनों ही एनडीए नेता अपनी लापरवाही के कारण राज्य में चमकी बुखार के कहर को रोकने में नाकामयाब रहे.
दोनों मंत्रियों पर धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने), 308 (दोषपूर्ण हत्या) और 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत आईपीसी के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है. अगर इन धाराओं के तहत उन पर लगे आरोप सत्य सिद्ध हो जाते हैं तो ऐसे में आरोपी को एक से लेकर तीन साल तक जेल की सजा मिलने का प्रावधान है.
आज ही सुप्रीम कोर्ट ने चमकी बुखार के मुद्दे पर केंद्र और बिहार सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने दोनों ही सरकारों को हेल्थ सर्विस, न्यूट्रिशन और हाइजिन के क्षेत्रों में सरकार द्वारा बनाई गयी योजनाओं को लेकर हलफनामा दायर करने को कहा है.
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चमकी बुखार के कारण मौत के बढ़ते सिलसिले को देखते हुए, एसकेएमसीएच में तैनात सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर डॉ भीमसेन कुमार को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में शनिवार को निलंबित कर दिया गया था.
जिले में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से निपटने में सरकार की कथित असफलता के खिलाफ लोगों ने रविवार को एक विरोध मार्च भी निकाला था.
बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम या ‘चमकी बुखार’ के कारण हुई बच्चों की मौतों का आंकड़ा 152 तक पहुंच गया है. इसका सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर में दिखा है. जहां अकेले श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में अब तक 128 बच्चों की मौत हो चुकी है.