पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प को आज एक साल पूरा हो गया है। सेना के यह जवान भले ही शहीद हो गए हों लेकिन इनका नाम आज भी अमर है। बता दे कि पिछले साल 15 जून को चीनी सैनिकों को सबक सिखाते हुए भारत के 20 जवान वीर गति को प्राप्त हो गए थे।
इसी शहादत और सैनिकों के बलिदान को याद करते हुए आज देश ने न केवल इन जवानों को याद किया बल्कि आर्मी चीफ एम.एम. नरवाणे ने भी श्रद्धांजलि दी है। उनके अलावा सेना के कई अन्य वरिष्ठ अफसरों ने जांबाज सैनिकों की शहादत को याद किया। इसके अलावा लेह में स्थित युद्ध स्मारक में मेजर जनरल आकाश कौशिक ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
General MM Naravane #COAS & All Ranks of #IndianArmy pay homage to the #Bravehearts who made supreme sacrifice in Galwan Valley #Ladakh while defending the territorial integrity and sovereignty of the country. Their valour will be eternally etched in the memory of the #Nation. pic.twitter.com/1K3X8wOkWX
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) June 15, 2021
क्या कहा इस मौके पर भारतीय सेना ने ?
सेना की तरफ से कहा गया, “सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और सेना के सभी रैंक की तरफ से देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करते हुए गलवान घाटी में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी गई। शहीद हुए बहादुर जवानों की वीरता राष्ट्र की स्मृति में सदैव अंकित रहेगी।”
फायर एंड फ्यूरी कोर ने भी दी श्रद्धांजलि।
फायर एंड फ्यूरी कोर ने भी गलवान घाटी में जान गंवाने वाले 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी। कोर की तरफ चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल आकाश कौशिक ने लेह वॉर मेमोरियल जाकर शहीदों को याद याद किया।
Remembering the #Bravehearts of #Galwan
Maj Gen Akash Kaushik, Officiating GOC #FireandFuryCorps laid a wreath at #Leh War Memorial & paid homage to #Bravehearts who laid down their lives at #Galwan on 15 Jun 2020 while fighting for the #Nation.#IndianArmy pic.twitter.com/qMayWT8mhY
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) June 15, 2021
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चीन ने नहीं किया था अपने सैनिकों की मौत के आकड़े का खुलासा
बता दे बीते साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवान घाटी भारतीय और चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गयी थी। इतना ही नहीं पिछले करीब 4 दशक के बाद ऐसा हुआ था, जब भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा पर गोलियां चली थीं। इस घटना के जवाब में भारत सरकार ने चीन की कई कंपनियों के भारत में कारोबार पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए टिकटॉक समेत कई ऐप्स को बैन कर दिया था।
ख़ास बात ये है कि इस झड़प में मारे गए अपने सैनिकों का चीन ने लंबे समय तक कोई आंकड़ा नहीं दिया था। हालांकि कई महीनों बाद चीन की ओर से 4 सैनिकों के मरने की आधिकारिक पुष्टि की गई थी। हालांकि रूसी एजेंसी तास ने अपनी रिपोर्ट में चीन के करीब 50 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया था।