इन अटकलो के बीच कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ लेंगी, बसपा सुप्रीमो ने मंगलवार को साफ़ किया कि उनकी पार्टी अकेले उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं की उनका रिश्ता अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से ‘स्थायी रूप’ से समाप्त हो गया है ।
मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव के साथ उनका संबंध केवल राजनीति के लिए नहीं है। मायावती ने न्यूज़ एजेंसी ANI से कहा, “जब से सपा-बसपा गठबंधन हुआ, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने मुझे बहुत सम्मान दिया है। मैं भी राष्ट्र के हित में हमारे सभी मतभेदों को भूल गयी और उन्हें सम्मान दिया। हमारा संबंध केवल राजनीति के लिए नहीं है, यह हमेशा के लिए जारी रहेगा। ”
BSP Chief: Ever since SP-BSP coalition took place, SP Chief Akhilesh Yadav & his wife Dimple Yadav have given me a lot of respect. I also forgot all our differences in the interest of the nation, & gave them respect. Our relation isn’t only for politics, it’ll continue forever pic.twitter.com/JJcKjwApSA
— ANI UP (@ANINewsUP) June 4, 2019
“हालांकि, हम राजनीतिक मजबूरियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। यूपी में लोकसभा चुनाव के परिणामों में, समाजवादी पार्टी बेस वोट और यादव समुदाय ने पार्टी का समर्थन नहीं किया। यहां तक कि सपा के मजबूत दावेदार भी हार गए। ”
बता दे की यूपी के दोनों स्थानीय दलो, सपा और बसपा, ने भाजपा को हराने के प्रयास में राज्य में हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ा, लेकिन उन्होंने 80 में से केवल 15 सीटें जीतीं। भाजपा ने 62 सीटें जीतीं।
बसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि महागठबंधन में यह टूट स्थायी नहीं है। “यदि हम भविष्य में महसूस करते हैं कि सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्य में सफल होते हैं, तो हम फिर से एक साथ काम करेंगे। लेकिन अगर वह सफल नहीं होते है, तो हमारे लिए अलग से काम करना अच्छा होगा। इसलिए हमने अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।”
इसी बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “यदि गठबंधन टूट गया है, तो मैं इस पर गहराई से चिंतन करूंगा और यदि उप-चुनावों में गठबंधन नहीं होता है, तो समाजवादी पार्टी चुनाव की तैयारी करेगी। सपा भी अकेले सभी 11 सीटों पर लड़ेगी।”