नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने एक बार फिर विवादित बयान जारी कर कांग्रेस को मुसीबत में खड़ा कर दिया है. विरासत कर को लेकर की गई टिप्पणी के बाद अब भारत की विविधता पर चर्चा करते हुए सैम पित्रोदा ने दक्षिण भारतीय लोगों की तुलना अफ्रीकी और पूर्वोत्तर भारतीय लोगों की तुलना चीनी लोगों से कर दी है. पित्रोदा ने ये भी कहा है कि पश्चिमी भारत के लोग अरब जैसे दिखाई देते हैं. पित्रोदा के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से कांग्रेस पर हमलावर हो गई है.
हालांकि सैम पित्रोदा के भारत की विविधता को लेकर बयान देने के कुछ ही देर बाद कांग्रेस ने इससे किनारा कर लिया. कांग्रेस ने कहा कि भारत की विविधता की ये परिभाषा मंजूर नहीं है. यह गलत है.
ऐसा पहली बार नहीं है कि सैम पित्रोदा के बयान ने कांग्रेस के बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है, बल्कि कई बार कांग्रेस नेता के बयान ने सियासी घमासान मचा चुका है. पिछले महीने सैम पित्रोदा ने विरासत कर (संपत्ति के बंटवारे) की वकालत की थी. उन्होंने कहा था,”अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है. अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है.”
- सैम पित्रोदा ने भारत की विविधताओं की जो उपमाएं दी हैं, वह गलत और अस्वीकार्य हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से अपने आप को पूर्ण रूप से अलग करती है: जयराम रमेश (कांग्रेस)
- जहां तक सैम पित्रोदा के बयान का सवाल है, उस तरह के बयान का कहीं दूर-दूर तक INDIA गठबंधन का कोई भी व्यक्ति समर्थन नहीं करता है: संजय सिंह (AAP)
- मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं. लेकिन क्या वह घोषणापत्र समिति के सदस्य हैं, कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं और क्या वह इसी देश में रहते हैं? वह विदेश में रहते हैं. उनके मुद्दों को देश का मुद्दा बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है: प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना UBT)
- सैम पित्रोदा ने भारत, भारतीय संस्कृति, भारत की पहचान और यहां के लोगों की पहचान पर आपत्तिजनक बयान दिया है. ऐसा लगता है कि यह विषय केवल चुनाव या राजनीति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भारत के अस्तित्व से जुड़ा है, क्योंकि अब भारत के अस्तित्व पर सीधा सवाल उठाया जा रहा है: सुधांशु त्रिवेदी (भाजपा)
पिछले साल जून महीने में सैम पित्रोदा ने राम मंदिर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि मंदिर भारत के बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान नहीं करेंगे. उनकी टिप्पणियों ने भाजपा को कांग्रेस की आलोचना की.