आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के सरकारी आवास ‘प्रजा वेदिका’ बिल्डिंग को तोड़ने का आदेश दिया है. रेड्डी का कहना है कि बुधवार से बिल्डिंग को तोड़ने का काम शुरू हो जाएगा.
Andhra Pradesh CM YS Jagan Mohan Reddy orders demolition of ‘Praja Vedika’ building, demolition of the building to begin day after tomorrow. (file pic) pic.twitter.com/B5ITbRNKQ8
— ANI (@ANI) June 24, 2019
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने शनिवार को एन. चंद्रबाबू नायडू के अमरावती स्थित आवास को अपने कब्जे में ले लिया था.
आंध्र प्रदेश के प्रशासन के मुख्यालय के हैदराबाद से अमरावती बदलने के बाद से ही चंद्रबाबू नायडू कृष्णा नदी के किनारे स्थित इस आवास में रह रहे थे. चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने इस आवास का निर्माण तत्कालीन मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के रूप में किया गया था.
पांच करोड़ रुपये में निर्मित इस बिल्डिंग का इस्तेमाल नायडू पार्टी की मीटिंग के साथ-साथ अन्य आधिकारिक कार्यों के लिए भी करते थे.
बता दें कि नायडू ने इस महीने की शुरुआत में ही इस बिल्डिंग को प्रतिपक्ष के नेता के सरकारी आवास के रूप में घोषित करने की मांग को लेकर जगन मोहन रेड्डी को एक पत्र लिखा था, जिसे रेड्डी सरकार ने नामंजूर कर दिया था. अब कुछ दिनों बाद ही वाईएसआरसीपी का यह बड़ा फैसला सामने आया है.
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विडंबना यह है कि मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने उसी दिन इस भवन में कलेक्टरों का सम्मेलन आयोजित किया, जब उन्होंने इसके विध्वंस का आदेश दिया था. आधिकारिक मामलों की समीक्षा करते हुए, जगन मोहन रेड्डी ने बैठक में घोषणा की, “जिस भवन और परिसर में हम इस बैठक को आयोजित कर रहे हैं वह अवैध है और सभी नियमों और मानदंडों का उल्लंघन करता है.”
मीटिंग के दौरान ही उन्होंने कहा था कि इस बिल्डिंग में यह पार्टी की आखिरी आधिकारिक मीटिंग होगी.
रेड्डी के इस फैसले को विपक्ष बदले का नाम दे रहा है. तेलुगू देशम पार्टी ने भी इसे बदले की कार्रवाई करार दिया है.
चंद्रबाबू नायडू फिलहाल अपने परिवार के साथ विदेश में छुट्टियां मनाने गए हुए हैं.