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पीएम मोदी ने किया ‘मत्स्य सम्पदा योजना’ का शुभारम्भ, ‘ई-गोपाल’ ऐप की भी शुरूआत, जानें कैसे किसानों के लिए रहेंगे मददगार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज डिजिटल माध्यम से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ किया. इसके अलावा किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए पीएम मोदी ने ई-गोपाला ऐप भी लॉन्च किया. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री और मतस्य, पशुपालन और डेयरी के साथ बिहार के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी शामिल रहे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने करीब 1700 करोड़ रुपये की अलग-अलग परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

क्या है मत्स्य संपदा योजना।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को देश भर में मछली पालन को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है. अगले 5 सालों इस स्कीम के तहत लगभग 20,050 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. मछली पालन के क्षेत्र में आजादी के बाद से अब तक का यह सबसे बड़ा निवेश है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मछली उत्पादन को 150 लाख टन से बढ़ाकर 220 लाख टन तक करना है. सरकार के मुताबिक इस स्कीम से देश में लगभग 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. सरकार का मकसद मछली पालन के निर्यात को बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है.

 

क्या है ई-गोपाला ऐप।

ई-गोपाला ऐप किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक समग्र नस्ल सुधार, बाज़ार और सूचना पोर्टल है। ईगोपाला मोबाइल एप्लीकेशन पर किसानों को वह सारी जानकारी मिलेगी जो किसी भी दूसरे ऑनलाइन सोर्स पर उपलब्ध नहीं है। पशु किसानों को अलर्ट भेजने (टीकाकरण, गर्भावस्था निदान आदि के लिए नियत तारीख पर) या उन्हें क्षेत्र में विभिन्न सरकारी योजनाओं और अभियानों के बारे में सूचित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में ई-गोपाला ऐप इन सभी पहलुओं पर किसानों को समाधान प्रदान करेगा।

आज क्या -क्या कहा पीएम मोदी ने?

  • आज जितनी भी ये योजनाएं शुरू हुई हैं उनके पीछे की सोच ही यही है कि हमारे गांव 21वीं सदी के भारत, आत्मनिर्भर भारत की ताकत बनें, ऊर्जा बनें।
  • कोशिश ये है कि अब इस सदी में Blue Revolution यानि मछली पालन से जुड़े काम, White Revolution यानि डेयरी से जुड़े काम, Sweet Revolution यानि शहद उत्पादन, हमारे गांवों को और समृद्ध करे, सशक्त करे।
  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है। आज देश के 21 राज्यों में इस योजना का शुभारंभ हो रहा है। अगले 4-5 वर्षों में इस पर 20 हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। इसमें से आज 1700 करोड़ रुपए का काम शुरु हो रहा है।
  • बिहार के पटना, पूर्णियां, सीतामढ़ी, मधेपुरा, किशनगंज और समस्तीपुर में अनेक सुविधाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इससे मछली उत्पादकों को नया इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा, आधुनिक उपकरण मिलेंगे, नया मार्केट भी मिलेगा।
  • देश के हर हिस्से में, समंदर और नदी किनारे बसे क्षेत्रों में मछली के व्यापार-कारोबार को, ध्यान में रखते हुए, पहली बार देश में इतनी बड़ी योजना बनाई गई है। आज़ादी के बाद इस पर जितना निवेश हुआ, उससे भी कई गुना ज्यादा निवेश प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर किया जा रहा है।
  • पीएम किसान सम्मान निधि से भी देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में सीधा पैसा पहुंचाया गया है। इसमें करीब 75 लाख किसान बिहार के भी हैं।

‘ई-गोपाला’ app पर ये बोले पीएम मोदी।

  • पशुओं की अच्छी नस्ल के साथ ही उनकी देखरेख और उसको लेकर सही वैज्ञानिक जानकारी भी उतनी ही ज़रूरी होती है। इसके लिए भी बीते सालों से निरंतर टेक्नॉलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज ‘ई-गोपाला’ app शुरु किया गया है।
  • ई- गोपाला app एक ऐसा digital माध्यम होगा जिससे पशुपालकों को उन्नत पशुधन को चुनने में आसानी होगी, उनको बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी। ये app पशुपालकों को उत्पादकता से लेकर उसके स्वास्थ्य और आहार से जुड़ी तमाम जानकारियां देगा।
  • अब भारत उस स्थिति की तरफ बढ़ रहा है जब गांव के पास ही ऐसे क्लस्टर बनेंगे जहां फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग भी लगेंगे और पास ही उससे जुड़े रिसर्च सेंटर भी होंगे। यानि एक तरह से हम कह सकते हैं- जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान।
  • यहां के फल, चाहे वो लीची हो, जर्दालू आम हो, आंवला हो, मखाना हो, या फिर मधुबनी पेंटिंग्स हो,ऐसे अनेक प्रोडक्ट बिहार के जिले-जिले में हैं। हमें इन लोकल प्रोडक्ट्स के लिए और ज्यादा वोकल होना है। हम लोकल के लिए जितना वोकल होंगे, उतना ही बिहार आत्मनिर्भर बनेगा ।

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