दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले में केंद्र सरकार को जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया और यूनियन ऑफ इंडिया को एक पक्ष बनाने पर सहमति दे दी हैं. दिल्ली हिंसा में अब तक 34 लोगो की जान चली गयी है और 200 से अधिक लोग घायल हो चूक हैं.
इससे पहले केंद्र ने अदालत से कहा कि भाजपा नेताओं और अन्य के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के लिए एफआईआर दर्ज करने के लिए इस समय यह अनुकूल नहीं होगा। एसजी तुषार मेहता ने कहा कि एफआईआर उचित स्तर पर की जाएगी और अधिक समय तक आग्रह किया जाएगा ताकि राजधानी में सामान्य स्थिति बहाल हो सके।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हर शंकर की खंडपीठ ने CAA पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में कई दंगों और भीड़ के हमलों के लिए भड़काऊ बयान के लिए चार भाजपा नेताओं और अन्य के खिलाफ FIR करने की मांग करने वाली याचिका सुन रहे थे।
इससे पहले आज कांग्रेस के शीर्ष नेताओ सहित कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में मिले और हिंसा प्रभावित दिल्ली में सामान्य स्थिति और शांति की मांग की।
राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए सोनिया गांधी ने कहा: “हम आपको (राष्ट्रपति) यह सुनिश्चित करने के लिए कहते हैं कि नागरिकों की जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति संरक्षित है। हम यह भी दोहराते हैं कि हिंसा में असमर्थता के लिए आपको तुरंत गृह मंत्री को हटाने के लिए कहना चाहिए।”
Delhi: A delegation from the Indian National Congress led by Congress interim president Sonia Gandhi and former Prime Minister Dr. Manmohan Singh called on President Ram Nath Kovind at Rashtrapati Bhavan today. @INCIndia pic.twitter.com/bPRzSKJrjh
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) February 27, 2020