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क्या है Strait Of Hormuz, ईरान ने इसे बंद किया तो भारत पर कितना पड़ेगा असर?

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मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच एक बार फिर स्ट्रेट ऑफ होर्मुज (Hormuz Strait) वैश्विक चर्चाओं में है. यह संकरा जलमार्ग दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री व्यापारिक मार्गों में से एक है. अगर यह जलमार्ग किसी कारणवश बंद होता है, तो भारत समेत कई देशों की ऊर्जा सुरक्षा पर बड़ा संकट मंडरा सकता है.

 

क्यों इतना अहम है स्ट्रेट ऑफ होर्मुज?
  • प्रतिदिन लगभग 1 करोड़ बैरल कच्चा तेल इस मार्ग से होकर गुजरता है.
  • सऊदी अरब, ईरान, कुवैत, इराक और यूएई जैसे बड़े तेल उत्पादक देश इसी रूट से तेल निर्यात करते हैं.
  • यह न केवल तेल बल्कि LNG (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) के व्यापार के लिए भी एक अहम रास्ता है.

 

होर्मुज ठप होने से भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

यह दुनिया के 26% ऑयल सप्लाई का मार्ग है. होर्मुज ठप होने पर ऑयल की कमी होगी और अमेरिका सहित पूरी दुनिया पर इसका असर होगा. होर्मुज भारत के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस जलमार्ग से होकर भारत तक हर दिन बड़ी मात्रा में तेल पहुंचता है. भारत प्रतिदिन 5.5 मिलियन बैरल तेल की खपत करता है, जिसमें से 1.5 मिलियन बैरल तेल इसी जलमार्ग से होकर आता है. दुनिया के तेल व्यापार का लगभग एक चौथाई हिस्सा इस जलमार्ग से होकर गुजरता है, जो खाड़ी देशों को हिंद महासागर से जोड़ता है.

 

भारत पर संभावित असर: 
  1. तेल की कीमतों में उछाल:भारत अपनी कच्चे तेल की ज़रूरतों का लगभग 85% आयात करता है. इनमें से बड़ी मात्रा गोल्फ देशों (विशेषकर सऊदी अरब, यूएई, कुवैत, इराक) से आती है.

          यदि स्ट्रेट ऑफ होर्मुज़ बंद होता है तो तेल की सप्लाई बाधित होगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें आसमान छू सकती हैं.

  1. ट्रांसपोर्ट और इंडस्ट्री पर असर: तेल और गैस की कीमत बढ़ने से सड़क परिवहन, विमानन, और उद्योगों में लागत बढ़ेगी, जिससे आम आदमी की जेब पर असर पड़ेगा.
  2. विदेश नीति पर दबाव: भारत को इस स्थिति में ईरान और पश्चिमी देशों के बीच संतुलन साधने में कठिनाई होगी, क्योंकि एक ओर भारत ईरान से रणनीतिक रिश्ते रखता है, दूसरी ओर अमेरिका और खाड़ी देशों से आर्थिक निर्भरता है.

 

क्या है Strait Of Hormuz

Strait Of Hormuz ईरान और ओमान के बीच एक महत्वपूर्ण संकरा जलमार्ग है. यह फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है. अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन ने इसे का दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण तेल ट्रांजिट चोकपॉइंट कहता है, जिसमें वैश्विक लिक्विड पेट्रोलियम ईंधन की खपत और ग्लोबल लिक्विफाइट प्राकृतिक गैस (LNG) व्यापार का लगभग पांचवां हिस्सा जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है. इसी रास्ते से हर महीने 3000 से भी ज्यादा तेल और गैस के जहाज गुजरते हैं. होर्मुज स्ट्रेट की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया की कुल तेल आपूर्ति का लगभग पांचवां हिस्सा इसी रास्ते से होकर गुज़रता है, यानी हर पांच लीटर में से एक लीटर तेल की सप्लाई यहीं से होती है और ईरान की संसद ने इसे बंद करने का फैसला ले लिया है.

ईरान अगर होर्मुज स्ट्रेट को बंद कर देता है, तो इससे वैश्विक व्यापार बाधित होगा, तेल की कीमतें बढ़ेंगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता पैदा हो सकती है. वैश्विक तेल खपत का 20 प्रतिशत होर्मुज स्ट्रेट के माध्यम से ही होकर गुजरता है.

 

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