मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के बीच सोमवार को एक अहम बैठक हुई। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने हाल ही में ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं, जिनकी रूस ने कड़ी आलोचना की है। पुतिन ने कहा कि ईरान पर किया गया हमला पूरी तरह से बिना किसी आधार का था और इसका कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि रूस क्षेत्र में शांति बनाए रखने और ईरानी जनता की सहायता के लिए प्रयास कर रहा है।
बैठक के दौरान पुतिन ने अराघची से कहा कि वह मॉस्को में उनके आगमन से प्रसन्न हैं क्योंकि इससे दोनों देशों को वर्तमान हालात पर विचार करने और मिलकर समाधान खोजने का अवसर मिलेगा। ईरानी विदेश मंत्री अराघची ने रूस की स्थिति की सराहना की और कहा कि ईरान ने जो जवाबी कार्रवाई की है, वह आत्मरक्षा के अपने अधिकार के तहत की है। उन्होंने यह भी बताया कि वह ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई और राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी का संदेश लेकर आए हैं। अराघची ने कहा कि रूस इस समय अंतरराष्ट्रीय कानून और नैतिकता के सही पक्ष में खड़ा है।
यह उच्च स्तरीय बैठक अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों के एक दिन बाद हुई है। इन हमलों से पहले रूस ने चेतावनी दी थी कि किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई क्षेत्र में अस्थिरता फैला सकती है और संघर्ष को और गहरा कर सकती है। हालांकि रूस और ईरान ने इस साल जनवरी में रणनीतिक सहयोग समझौता किया था, लेकिन इस समझौते में रक्षा सहायता का कोई प्रावधान शामिल नहीं है। यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि रूस इस स्थिति में कूटनीतिक समर्थन से आगे जाकर कोई ठोस कदम उठाएगा या नहीं।
इस बीच क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने चिंता जताई है कि इस संघर्ष में शामिल होने वाले देशों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यह एक नए तनावपूर्ण दौर की शुरुआत है और रूस को इस पूरे घटनाक्रम पर गहरा खेद है।
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