प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे का शनिवार को दूसरा दिन है। सबसे पहले PM मोदी दक्षिण-पूर्व सतखिरा स्थित जेशोरेश्वरी काली मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की। इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।
PM @narendramodi places hand made Mukut on Ma Kali.
Mukut made of silver with gold plating. Hand made over three weeks by a traditional artisan. pic.twitter.com/xNg0pjrmkZ
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 27, 2021
Feeling blessed after praying at the Jeshoreshwari Kali Temple. pic.twitter.com/8CzSSXt9PS
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2021
उन्होंने कहा, ‘मैंने कामना की कि मां काली दुनिया को कोरोना के संकट से मुक्ति दिलाएं।’ इतना ही नहीं इस दर्शन के दौरान मोदी ने काली मां की प्रतिमा को हाथ से बना हुआ मुकुट भी चढ़ाया और ख़ास बात ये है कि ये मुकुट को चांदी का बना हुआ है, जिस पर सोने की प्लेटिंग की गई है। इसे पारंपरिक कलाकारों द्वारा करीब तीन हफ्ते में तैयार किया है।
Starting the day with blessings of Kali Mata!
Prime Minister @narendramodi performed pooja at the Jeshoreshwari Kali Shaktipeeth in Satkhira, one of the 51 Shaktipeeths in the Puranic tradition. pic.twitter.com/URAJ7pnXid
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 27, 2021
Extending a hand of friendship.
Prime Minister @narendramodi announced grant for construction of a community hall – cum cyclone shelter attached to the Jeshoreshwari Kali temple. pic.twitter.com/Fdc0Z85Feu
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 27, 2021
राष्ट्रबंधु के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की स्मारक का भी किया दौरा।
पीएम गोपालगंज जिले के तुंगीपारा में राष्ट्रबंधु के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की स्मारक पर भी गए और यहाँ उन्होंने पौधरोपण भी किया। इसके अलावा उन्होंने यहाँ विसिटोर्स बुक में भी हस्ताक्षर किये। बता दे यह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हसीना का पैतृक गांव है। यहां बने स्मारक में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है। इससे पहले बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यात्रा के पहले दिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने जहां राजनेताओं से मुलाकात की थी।
ओराकांडी मंदिर भी जाएंगे मोदी।
यहां से वे ओराकांडी के मतुआ समुदाय के मंदिर भी जाएंगे। ओराकांडी वहीं जगह है, जहां मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिशचंद्र ठाकुर का जन्म हुआ था। मतुआ समुदाय बंगाल चुनाव के लिहाज से भी काफी मायने रखता है।