दक्षिणी पश्चिम दिल्ली में करोड़ों की कोठियों के पास बसे आयानगर से एक दिल देहला देने वाली घटना सामने आई है. 10 साल का एक बच्चा अपने घर के नजदीक स्थित एक पार्क से लापता हो गया, जिसके करीब दो हफ्ते बाद तक भी बच्चे का कोई सुराख नहीं मिला है.
10 साल का हरकेश, जो दक्षिणी पश्चिम दिल्ली के आया नगर इलाके का रहने वाला है, 19 जुलाई की शाम लापता हो गया. हादसा तब हुआ जब वह पार्क में खेलने के लिए गया था.

दरअसल न्यूज़मोबाइल की टीम को सूत्रों के हवाले से खबर मिली थी कि दक्षिणी पश्चिम दिल्ली के आयानगर इलाके से 4 बच्चे 19 जुलाई को लापता हो गए हैं. जिसके तुरंत बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए न्यूज़मोबाइल के संवाददाताओं ने ज़मीन पर जाकर इसकी तहकीकात शुरू कर दी.
जब न्यूज़मोबाइल के संवाददाताओं ने आयानगर के काउनसलर वेदपाल से इस घटना के संदर्भ में बात की तो जानकारी 4 नहीं बल्कि एक बच्चे के लापता होने की मिली, जिसके बाद न्यूज़मोबाइल की टीम और गहन जांच में जुट गयी.
लापता हरकेश के भाई राजेश यादव का संपर्क मिलने पर उनसे बात की गयी तो उन्होंने न्यूज़मोबाइल को इस घटना की विस्तृत जानकारी दी. राजेश ने न्यूज़मोबाइल को लापता बच्चे की एक वीडियो भी दी.
राजेश ने बताया कि उनका भाई हरकेश 19 जुलाई को पास के पार्क में शाम 3:30 मिनट पर खेलने गया, जिसके बाद वह उस रात घर वापस नहीं आया. राजेश और उनके परिवार ने फतेहपुर जूनापुर थाणे में 20 जुलाई की सुबह गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज करायी.
राजेश ने आगे बताया कि उनके छोटे भाई को आखिरी बार तीन लड़कों के साथ काले रंग की ईको गाड़ी में अर्जनगढ़ मेट्रो स्टेशन के पास स्थित गुज्जर चौक पर देखा गया था. राजेश ने बताया कि ये तीन लड़के उनके घर के नजदीक ही रहते हैं.
यह पूछे जाने पर किक्या उन्हें किसी पर उनके छोटे भाई को अगवा करने का शक है तो राजेश ने न्यूज़मोबाइल टीम को बताया, “मुझे किसी पर शक नहीं है, लेकिन वो तीन लड़के मेरे भाई को उठा कर ले गए हैं.”
लापता हरकेश के भाई राजेश ने यह भी दावा किया कि ये तीन लड़के 15 से 16 साल की उम्र के हैं. उन्होंने कहा कि वे नशीले पदार्थों का भी सेवन किया करते थे और चोरी चकारी के इल्जाम में कई बार पकड़े भी गए हैं.
राजेश ने पुलिस पर इस मामले में ज़रूरी कार्रवाई न करने का आरोप भी लगाया है. राजेश का कहना है कि उनके परिवार ने बीते दो हफ़्तों में कई बार पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाए लेकिन अभी तक पुलिस की तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
राजेश ने बताया, “हम जब भी पुलिस के पास जाते हैं तो पुलिस यही कहती है कि आप खुद भी ढूँढिए, हम भी देख रहे हैं.” राजेश ने यह भी बताया कि 20 जुलाई को दर्ज करायी गयी रिपोर्ट के बाद पुलिस ने ना ही उन्हें एफआईआर की कॉपी दी, ना ही कंप्लेंट नंबर दिया गया.
राजेश और उनके परिवार ने हरकेश की गुमशुदगी को लेकर उन तीन लड़कों, जिन पर राजेश को शक है, के घर जाकर उनके माता-पिता से भी मुलाकात की, लेकिन उनका कहना है कि उनके पास भी अपने बच्चों का कोई अता-पता नहीं है.
ऐसे में अब सवाल उठता है कि यदि शुरुआती जानकारी के मुताबिक यदि हरकेश के अलावा तीन और लड़के लापता है तो उनके परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं करायी? ऐसे में क्या हरकेश के भाई राजेश द्वारा किए गए दावे सही है?
इन्हीं सवालों के जवाब पाने के लिए हमनें इस केस की पड़ताल कर रहे सब इंस्पेक्टर से भी बात की. पुलिस का कहना है कि उनके पास 22 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई गयी, जिसमे बताया गया कि हरकेश नाम का बच्चा आयानगर फेज 6 से लापता हुआ.
पुलिस ने यह भी कहा कि इलाके के सभी CCTV कैमरा की फुटेज निकाली गयी लेकिन अभी तक बच्चे का कुछ पता नहीं चल पाया है. पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई है.