ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद पहली बार सार्वजनिक बयान देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर तेहरान जल्द ही संतोषजनक शांति समझौते पर नहीं पहुंचता, तो आगे और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। शनिवार रात व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, “या तो शांति होगी या ईरान के लिए एक भयावह त्रासदी, जो पिछले आठ दिनों में देखी गई घटनाओं से कहीं अधिक होगी।”
ट्रंप ने कहा कि अभी भी कई अहम लक्ष्य बाकी हैं। उन्होंने कहा, “आज रात का हमला अब तक का सबसे मुश्किल और संभवतः सबसे घातक था, लेकिन अगर शांति नहीं आती, तो हम बाकी ठिकानों को भी सटीकता, तेजी और कुशलता के साथ निशाना बनाएंगे।”
ट्रंप ने Truth Social पर पोस्ट करते हुए लिखा, “यह जारी नहीं रह सकता। ईरान को समझना होगा कि अब या तो शांति होगी, या अंजाम और भी भयावह होगा।” उन्होंने हमले में शामिल अमेरिकी वायुसेना और रणनीतिक कमांड की सराहना करते हुए कहा कि “इन मशीनों को उड़ाने वाले अमेरिकी देशभक्तों और पूरी अमेरिकी सेना ने एक ऐसा ऑपरेशन किया है, जैसा दुनिया ने दशकों में नहीं देखा।”
ट्रंप ने अपने संबोधन में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का भी आभार जताया। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री बिबी नेतन्याहू को धन्यवाद देना चाहता हूं। हमने एक टीम की तरह काम किया है, जैसा पहले शायद ही कभी हुआ हो। इस ऑपरेशन ने इस्राइल के खिलाफ खड़े खतरों को बहुत हद तक खत्म कर दिया है।” ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने कूटनीति के लिए दो हफ्ते की खिड़की खोली थी, लेकिन अगर ईरान उसमें सकारात्मक कदम नहीं उठाता है, तो आगे की कार्रवाई तैयार है।
ट्रंप के संबोधन के दौरान अमेरिका की शीर्ष राजनीतिक और सुरक्षा नेतृत्व उनके साथ खड़ा था। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ मंच पर मौजूद रहे। ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी हमले में ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि “इन ठिकानों को पूरी तरह और पूरी ताकत से तबाह कर दिया गया है। हमारा उद्देश्य था ईरान के परमाणु खतरे को खत्म करना, जो अब काफी हद तक पूरा हो गया है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी चेतावनी दी कि अगर ईरान किसी भी तरह की जवाबी कार्रवाई करता है, तो उसे पहले से कहीं अधिक कठोर जवाब मिलेगा।
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