साइबर अपराधों के जामताड़ा कनेक्शन किसी से छिपे हुए नहीं हैं। मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने इन अपराधियों को पकड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने बताया कि साइबर सेल ने आज झारखंड के जामताड़ा इलाके में छापामारी कर 14 साइबर फ्रॉडों को गिरफ्तार किया है।
Delhi Police says its Cyber Cell has arrested 14 cyber fraudsters from Jamtara, Jharkhand following a raid
— ANI (@ANI) August 31, 2021
देश के साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट इलाकों को टारगेट कर पुलिस ने दिया था इस बड़ी कार्यवाही को अंजाम।
साइबर सेल के डीसीपी अन्येश रॉय ने कहा कि हमने साइबर प्रहार भाग-2 लॉन्च किया है जिसमें देश के साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट इलाकों को टारगेट किया गया है। इसमें जामताड़ा, देवघर, गीरीडीह और जमुई शामिल है। इसी के तहत कार्रवाई करते हुए एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश कर 14 लोगों को हमारे द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
We have launched 'Cyber Prahar' part 2, targetting India's hotspot of cybercrimes — the Jamtara belt which includes Jamtara, Deoghar, Giridih, & Jamui. In a major action, we have arrested 14 people who were operating a big racket there: Anyesh Roy, DCP, Delhi Police Cyber Cell pic.twitter.com/6E1UPUJ386
— ANI (@ANI) August 31, 2021
अब तक 1.2 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके है यह सब।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए 14 आरोपियों में मुख्य आरोपी गुलाम अंसारी और अल्ताफ भी शामिल हैं। आरोपियों के पास से दो करोड़ रुपये की संपत्ति और 20 लाख रुपये की एसयूवी जब्त की गई है। गिरफ्तार किए गए ये जालसाज 9 राज्यों के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज 36 मामलों से जुड़े हैं। उन्होंने इन 36 मामलों में करीब 1.2 करोड़ रुपये की ठगी की। इतना ही नहीं, उन्होंने यानी सभी आरोपियों ने रोजाना 4-5 लोगों को ठगने की बात स्वीकार की है।
कैसे देते है करोड़ों की ठगी को अंजाम ?
इस बारे में जानकारी देते हुए दिल्ली पुलिस साइबर सेल के डीसीपी अन्येश रॉय का कहना है कि ये यूपीआई पेमेंट से संबंधित फ्रॉड करते हैं, जिसमें तकनीकी के इस्तेमाल से लोगों पर दबाव बनाते हैं कि वे यूपीआई पेमेंट कर दें। इसके लिए वे केवाईसी अपडेशन के नाम पर, सिम या बैंक अकाउंट ब्लॉक कराने के नाम पर फ्रॉड करते हैं।
We have noticed that these fraudsters have increased the usage of technology in the recent past. Earlier, they used to call victims randomly & ask for bank details. They no longer use this method. They make temporary websites & send bulk messages containing short URLs: Anyesh Roy
— ANI (@ANI) August 31, 2021
इन सब में भी माहिर है यह सब।
साइबर सेल के डीसीपी अन्येश रॉय ने आगे जानकारी दी कि गुलाम (मुख्य आरोपी) नकली वेबसाइट बनाने और उन्हें गूगल विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाइन धकेलने में माहिर हैं। अल्ताफ (दूसरा मुख्य आरोपी) एड कैंपेन चलाने के लिए रोजाना 40 हजार से 50 हजार रुपये देता था। पुलिस का कहना है कि एक और प्रवृत्ति जो हमने नोटिस की है, वह यह है कि उन्होंने छोटे मॉड्यूल में अपने कार्यों का विकेंद्रीकरण और विस्तार किया है।
Masterminds of this racket are — Altaf Ansari alias 'Rockstar' & Gulam Ansari alias 'Master Ji'. Altaf has so many callers under him. He keeps people at the place from where he operates, to keep an eye on any possible police movement: Anyesh Roy, DCP, Delhi Police Cyber Cell pic.twitter.com/qg2j6RhlJ8
— ANI (@ANI) August 31, 2021
अस्थायी साइट्स और बैंकों के एप्स तक बना ले रहे थे यह अपराधी।
साइबर सेल के डीसीपी ने इन अपराधियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वे अस्थायी साइट्स और बैंकों के एप्स तक बना ले रहे हैं। 9 राज्यों के 36 मामलों में इन्होंने 1.2 करोड़ रुपये ठगी की है। इन्होंने बताया है कि हर दिन 40-50 लोगों को कॉल करते थे। इसमें 4-5 लोगों को शिकार बनाते थे और हर दिन करीब 1-1.5 लाख रुपये चीट करते थे।
Gulam specialises in making fake websites & pushing them online through Google Ads. Altaf used to give Rs 40000-Rs 50000 daily to run ad campaigns. Another trend we have notice is that they have decentralised & expanded their operations in small modules: Delhi Police Cyber Cell
— ANI (@ANI) August 31, 2021