सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने अपने जारी आकड़ों में दावा किया है कि मई और अगस्त के बीच करीब छह मिलियन व्हाइट कॉलर जॉब (White Collar Job) चली गईं, जिसमें इंजीनियर, डॉक्टर, टीचर, अकाउंटेंट और एनालिस्ट जैसे लोग शामिल हैं. गौरतलब है कि सरकार ने जून में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी थी लेकिन इसके बावजूद लोकल लॉकडाउन और प्रतिबंधों के चलते आर्थिक सुधार और रोजगार की संभावनाएं कम हो गईं.
2016 के मुकाबले बढ़ी है व्हाइट कॉलर जॉब की संख्या।
CMIE के मुताबिक, 2016 से व्हाइट कॉलर जॉब की संख्या बढ़ी है. पिछले कुछ सालों के कंज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे के आधार पर CMIE ने कहा कि करीब 12.5 मिलियन लोग जनवरी से अप्रैल 2016 में व्हाइट कॉलर नौकरियां कर रहे थे.
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— CMIE (@_CMIE) September 14, 2020
मई-अगस्त 2019 के दौरान सबसे अधिक थी संख्या।
मई-अगस्त 2019 के दौरान उनकी संख्या सबसे अधिक 18.8 मिलियन थी. सितंबर-दिसंबर 2019 में ये आंकड़ा 18.7 मिलियन के साथ करीब-करीब स्थाई रहा. इसके बाद जनवरी-अप्रैल 2020 में गिरावट के साथ ये 18.1 मिलियन रहा. CMIE ने कहा कि जनवरी-अप्रैल में इसके आंकड़े पर कोरोना के चलते पूरे देश में लगे लॉकडाउन का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है.
2016 के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा ।
CMIE की वेबसाइट पर चीफ एक्जिक्यूटिव महेश व्यास ने लिखा, ‘इन प्रोफेशनल व्हाइट कॉलर ऑफिसर्स का आंकड़ा मई-अगस्त 2020 में भारी गिरावट के साथ 12.2 मिलियन दर्ज किया गया. 2016 के बाद इन नौकरियों का ये सबसे कम आंकड़ा है. पिछले चार सालों में इनकी नौकरियों के लिए किए गए सभी प्रयास लॉकडाउन में बेअसर साबित हुए है।
मई-अगस्त 2020 के दौरान 5.9 मिलियन लोगों ने खोई नौकरी।
आंकड़े के मुताबिक मई-अगस्त 2020 के दौरान 5.9 मिलियन लोगों ने अपनी व्हाइट कॉलर नौकरियों को खो दिया. 20वां सर्वे मई से अगस्त के बीच लॉकडाउन के दौरान किया गया था. व्यास ने ये भी लिखा कि अप्रैल को शामिल नहीं किया गया, जिसमें नौकरियों की संख्या का सबसे बुरा हाल था.
इन आकड़ों में खुद व्यवसाय करने वाले नहीं है शामिल।
CMIE की वेबसाइट पर चीफ एक्जिक्यूटिव महेश व्यास का कहना है कि सैलरी मिलने वाले लोगों में सबसे अधिक नौकरियां ‘व्हाइट कॉलर प्रोफेशनल’ लोगों की गई, इसमें इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डॉक्टर, टीचर, अकाउंटेंट, एनालिस्ट और दूसरे प्रोफेशनल लोग शामिल हैं, जो प्राइवेट या सरकारी जॉब में थे. इसमें वो प्रोफेशनल शामिल नहीं हैं जो खुद का बिज़नेस करते है।