बिहार में एक अप्रैल से सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी डीज़ल से चलने वाली बसें और ऑटो
राजधानी पटना में प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए शहर में चलने वाली डीजल चालित नगर सेवा की बस व निजी आटो के परिचालन पर पहली अप्रैल से पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। गौरतलब है कि परिवहन विभाग ने शहर में डीजल बसें और ऑटो चलाने की अनुमति 31 मार्च तक ही दी है। एक अप्रैल से लगभग शहर में चलने वाली 250 डीजल बसे और 12,000 डीजल ऑटो अब बेकार हो जाएंगे।
बिहार: सरकारी आदेश के बाद पटना में कल से (1 अप्रैल से) डीज़ल बसे-ऑटो नहीं चलेगी।
एक ऑटो चालक ने कहा, “अपने बच्चों के लिए अच्छी नौकरी लगवाने का प्रयास कर रहे थे। सरकार रोज़गार नहीं दे पा रही है ऊपर से रोज़गार छीन लिया। मैं बैंकों में लोन लेने के लिए गया लेकिन मुझे लोन नहीं दिया।” pic.twitter.com/yKsEGkIbCq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 31, 2022
सरकारी आदेश का अभी भी 12 हजार से अधिक डीजल चालित आटो राजधानी की सड़कों पर दौड़ रही हैं। राज्य सरकार की ओर से डीजल चालित आटो व बसों को सीएनजी में बदलने के लिए अनुदान दिए जाने की बात कही गयी थी। जानकारी के मुताबिक डीटीओ की ओर से सिर्फ 919 चालकों को सीएनजी ऑटो खरीदने और सीएनजी किट लगाने के लिए अनुदान मिला है। सीएनजी ऑटो खरीदने के लिए 40 हजार और किट लगाने के लिए 20 हजार का अनुदान दिया गया है।
ऑटो संगठन ने मंगा तीन महीने का वक्त
ऑटो चालकों के संगठनों ने ऑटो को सीएनजी में बदलने के लिए तीन महीने का समय मांगा है। ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट फेडरेशन बिहार के महासचिव राजकुमार झा एवं ऑटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि कोरोना के कारण काफी आर्थिक नुकसान उठाने वाले ऑटो चालक किसी तरह से जीवन पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे है। ऐसे में सरकार को चालकों के साथ सख्ती नहीं, बल्कि सहानुभूति के साथ पेश आना चाहिए।