पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और 24 परगना जिले के भांगड़ इलाके में भड़की हिंसा के बाद अब सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर कड़ा बयान देते हुए कहा है कि “लातों के भूत बातों से नहीं मानेंगे, दंगाइयों को डंडे से ही समझाना पड़ेगा।”
सीएम योगी मंगलवार, 16 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले में 650 करोड़ रुपये की 729 विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण समारोह में पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने बंगाल हिंसा पर विपक्ष और राज्य सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, “बंगाल जल रहा है, लेकिन वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौन हैं। दंगाइयों को ‘शांतिदूत’ कहकर संरक्षण दिया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “अगर किसी को बांग्लादेश इतना ही पसंद है तो उसे भारत की धरती पर बोझ बनने की जरूरत नहीं है। वो वहीं चला जाए।”
#WATCH | Hardoi: On violence in West Bengal, UP CM Yogi Adityanath says, “…Bengal is burning. The Chief Minister of the state is silent. She calls rioters ‘shantidoot’. Laaton ke bhoot baaton se kahan man’ne waale hain? But in the name of secularism, these people have given all… pic.twitter.com/kGZcGn9QKf
— ANI (@ANI) April 15, 2025
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पर भी चुप्पी साधने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मुर्शिदाबाद पिछले एक हफ्ते से जल रहा है, लेकिन कांग्रेस और सपा जैसे दलों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। टीएमसी तो पूरी तरह से आंख मूंदे हुए है।”
#WATCH | Hardoi: While speaking on the violence in West Bengal, UP CM Yogi Adityanath says, “…Everyone is silent. Congress is silent over the Murshidabad riots. Samajwadi Party (SP) is silent. TMC is silent. They are issuing threats after threats. They are shamelessly… pic.twitter.com/xQNnS1nV9E
— ANI (@ANI) April 15, 2025
योगी ने केंद्र सरकार और न्यायालय का आभार जताते हुए कहा, “मैं न्यायालय का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने वहां केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश देकर अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की। आज केंद्रीय बल वहां तैनात हैं और स्थिति नियंत्रण में है।”
मुर्शिदाबाद ज़िले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हालात बेकाबू हो गए। सड़कों पर जले हुए वाहन, लूटे गए शॉपिंग मॉल, और फार्मेसियों में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। रविवार को हालात इतने तनावपूर्ण रहे कि बाजार पूरी तरह बंद रहे, सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और लोग घरों में ही कैद रहे।
स्थिति बिगड़ने के चलते सैकड़ों लोग नावों के जरिए भागकर मालदा ज़िले में पहुंचे और वहां शरण ली। प्रशासन का कहना है कि हालात अब नियंत्रण में हैं, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है।
इस घटना के बाद बंगाल की राजनीति में उबाल आ गया है और आने वाले दिनों में सियासी सरगर्मी और बढ़ने की संभावना है।
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