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ASEAN का साथ भारत की Act East Policy का महत्वपूर्ण तत्व रहेगा: एस जयशंकर

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बैंकॉक में आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत के लिहाज से आसियान काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र है.

विदेश मंत्री ने कहा कि यह सिर्फ हिंद महासागर क्षेत्र के लिए ही नहीं बल्कि आर्थिक और राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. हम उभरते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मजबूत, एकीकृत और समृद्ध बनाने में आसियान को केंद्रीय भूमिका निभाते हुए देखना चाहते हैं, क्योंकि यह भारत की समृद्धि में भी योगदान देता है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत भौतिक, राजनीतिक, आर्थिक और करीबी लोगों से लोगों के संबंधों के क्षेत्र में ASEAN के साथ और सहयोग करना चाहेगा.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा ,”जून, 2018 में शांगरी-ला संवाद में हमारे प्रधान मंत्री के उद्बोधन को देखते हुए, एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक, जिसमें भारत एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, हम अवधारणा के अपने विचारों को स्पष्ट करने के लिए आसियान के फैसले का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं.”

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उन्होंने यह भी कहा: “हम विशेष रूप से सिद्धांतों और दृष्टिकोण के नज़रिये से अभिसरण के महत्वपूर्ण तत्वों को देखते हैं. यह इंडो-पैसिफिक में आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए एक रोडमैप प्रदान करता है, विशेष रूप से समुद्री सहयोग, कनेक्टिविटी और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के क्षेत्रों में. ”

विदेश मंत्री एस. जयशंकर आसियान, मेकांग गंगा सहयोग (एमजीसी) और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) के क्षेत्रीय मंचों की अहम मंत्रिस्तरीय बैठकों में शिरकत करने के लिए दो दिवसीय थाईलैंड दौरे पर हैं.

थाईलैंड के बैंकॉक में आसियान समिट 2019 के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो से मुलाकात की है. इसके साथ ही उन्होंने न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स और थाईलैंड के विदेश मंत्री डॉन प्रमुदविनई से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि इस दौरान वे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो से भी मुलाकात कर सकते हैं.

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