विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक डॉ. जाकिर नाईक पर मलेशिया सरकार ने धार्मिक उपदेश देने पर पाबंदी लगा दी है. मलेशिया पुलिस ने राष्ट्र सुरक्षा को कारण बताते हुए यह कदम उठाया है.
भड़काऊ भाषण के मामले में मलेशिया के सभी राज्यों ने एक एक कर पाबंदी लगा दी.
Malaysian Media: Zakir Naik banned from giving speeches in Malaysia. (file pic) pic.twitter.com/JxDQRyeZ5p
— ANI (@ANI) August 20, 2019
इसके साथ ही मलेशियन पीनल कोड की सेक्शन 504 के तहत जाकिर से दो बार पूछताछ की गई. जाकिर से करीब 14 घंटे सवाल जवाब का दौर चला.
बता दें कि मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मुहम्मद तीन दिन पहले ये बयान दे चुके हैं कि अगर यह साबित हो गया कि नाईक की गतिविधियां मलेशिया के लिए नुकसानदेह हैं तो उसका स्थायी निवासी दर्जा वापस लिया जा सकता है.
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मलेशियाई पुलिस नाईक के मलेशिया के अल्पसंख्यकों के खिलाफ दिए बयान की जांच कर रही है. स्थानीय अखबार ‘मलय मेल’ की रिपोर्ट के मुताबिक नाईक ने एक लॉ फर्म के जरिए चार बड़े मंत्रियों को नोटिस भिजवाया था, जिसमें पेनांग के उपमुख्यमंत्री (2) पी रामासामी भी शामिल हैं. इस नोटिस में कहा गया है कि ये चारों लोग समुचित मुआवजे के साथ माफी मांगें अन्यथा दो दिन में अवमानना का केस झेलने के लिए तैयार रहें.
पहले भी नाईक के कथित तौर पर दिए एक बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था. आरोप है कि नाईक ने कहा था कि मलेशिया में रहने वाला भारतीय समुदाय मलेशियाई प्रधानमंत्री डॉ महातिर मोहम्मद की जगह भारत के पीएम नरेंद्र मोदी का अधिक समर्थक है.
नाईक पर ये भी आरोप है कि उसने मुस्लिम बहुल मलेशिया में अल्पसंख्यक हिंदुओं और चीनी मूल के लोगों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी कर देश की शांति भंग करने की कोशिश की.