सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 21 विपक्षी दलों द्वारा दायर एक समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें विपक्ष ने मांग की थी कि वीवीपीएटी की पांच प्रतिशत पर्चियों के सत्यापन की सीमा बढाकर 50 प्रतिशत तक कर दिया जाये.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं है. “हम अपने आदेश को संशोधित करने के लिए इच्छुक नहीं हैं. कितने दिनों तक हम एक ही मामले की सुनवाई करेंगे.”
विपक्षी दलों के वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “दुर्भाग्य से आज हमारी याचिका स्वीकार नहीं की गई है। हमने चुनाव आयोग के दृष्टिकोण में खामियों की तरफ सुप्रीम कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया है, हालांकि इस पर फ़िलहाल कोई दिशानिर्देश नहीं है कि यदि दोष पाए जाते हैं तो वे क्या करेंगे.”
#SupremeCourt rejects review plea filed by twenty-one Opposition parties seeking a direction to increase VVPAT verification from five to at least 50% of EVMs during counting of votes in the general elections 2019 pic.twitter.com/USl7aa3nE5
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) May 7, 2019
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में विपक्षी दल, वीवीपीएटी पर्चियों के 50 प्रतिशत सत्यापन की मांग कर रहे थे.
इससे पहले, 8 अप्रैल को, शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि ईवीएम और VVPAT की पांच प्रतिशत पर्चियों को मिला कर देखा जाये.