राज्यसभा से UAPA बिल वोटिंग के बाद पास हो गया है. बिल के पक्ष में 147 और विपक्ष में 42 वोट पड़े. संशोधन बिल के पास होने के बाद कानून में संशोधन करने का रास्ता साफ हो गया है.
यह संशोधन विधेयक गत 24 जुलाई लोकसभा में पारित हो चुका है, जिसके बाद शुक्रवार को इसे राज्यसभा में चर्चा के लिए पेश किया गया.
हालांकि चर्चा के दौरान विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया. विपक्ष ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए इस विधयेक के कई प्रावधानों पर चिंता जताई. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार अपने फायदे के लिए इस विधेयक का दुरुपयोग कर सकती है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘हमें भाजपा की नीयत पर संदेह है. कांग्रेस ने कभी आतंकवाद से समझौता नहीं किया और इसलिए हमने यह कानून बनाया. यह आप हैं जिन्होंने आतंकवाद से समझौता किया. पहले आपने रूबिया सईद और बाद में मसूद अजहर को छोड़ा.’
Digvijaya Singh in Rajya Sabha on #UAPABill : We doubt their(BJP) intent. Congress never compromised on terrorism that is why we had brought this law. It is you who compromised on terror, once during release of Rubaiya Saeed ji and second by letting off Masood Azhar. pic.twitter.com/12e2pgZCNw
— ANI (@ANI) August 2, 2019
वहीं, कांग्रेस नेता एवं पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, ‘हम इस संशोधन विधयेक का नहीं बल्कि सरकार की नीयत का विरोध कर रहे हैं. हाफिज सईद की तुलना गौतम नवलखा से न करें. आप किसे आतंकवादी घोषित करने जा रहे हैं हाफिज सईद अथवा गौतम नवलखा.’
P Chidambaram in RS: If you see reasons for amendment, it says 'to empower NIA'.In passing you say 'empowers Centre to add or remove an individual's name as a terrorist', this mischief is why we are opposing this amendment, we are not opposing Unlawful Activities (Prevention) Act pic.twitter.com/mhnd8cmjfZ
— ANI (@ANI) August 2, 2019
वहीं, सरकार ने विपक्ष की आशंकाओं को आधारहीन और संशोधन बिल को समय की जरूरत बताया है.
गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों को जवाब देते हुए कहा,”संस्था व्यक्ति से बनती है. घटना संस्था नहीं बल्कि व्यक्ति करता है. व्यक्ति के इरादे पर रोक लगाए बगैर उसकी गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई जा सकती है. हम एक संस्था पर प्रतिबंध लगाते हैं और थोड़े दिन बाद वही व्यक्ति दूसरी संस्था बना लेता है इसलिए व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है.’
Home Minister Amit Shah in Rajya Sabha: Chidambaram ji asked why to name an individual as a terrorist when the organization they are affiliated to is already banned. It is because we ban one org, another one comes up by same individuals. Till when will we keep banning orgs? #UAPA pic.twitter.com/0inu9k8Zzx
— ANI (@ANI) August 2, 2019
अमित शाह ने UAPA बिल पर कहा कि राज्य के DG के अधिकार नहीं छीने जा रहे हैं और जब NIA जांच शुरू करेगी तो राज्य पुलिस को जानकारी दी जाएगी. एनआईए की जांच के दौरान राज्य पुलिस से संपत्ति जब्त करने की इजाजत लेना ठीक नहीं है क्योंकि जांच की बारीक जानकारी तो NIA के पास ही है.
गृह मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि किसी व्यक्तियों को आतंकी घोषित करने के कुछ बिन्दु तय किए गए हैं, उन्हीं के मुताबिक काम होगा. उन्होंने कहा कि आतंकी अगर 2 कदम बढ़ते हैं तो हमारी एजेंसियों को 4 कदम आगे बढ़ना होगा.
हालांकि विभिन्न दलों के सांसदों ने बिल का विरोध करते हुए इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव दिया. राज्यसभा में UAPA संशोधन बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने के संशोधन प्रस्ताव पर सदन में वोटिंग कराई गयी, जिसके बाद प्रस्ताव के पक्ष में 85 और विपक्ष में 104 वोट पड़े हैं.
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ज़्यादा वोट प्रस्ताव को सेलेक्ट कमिटी के पास भेजे जाने के विपक्ष में हुआ, जिसके बाद UAPA बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव गिर गया.
यूएपीए संशोधन विधेयक आतंकवाद में संलिप्त व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करता है और यह राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकार को बढ़ाने वाला है.
अभी तक आतंकवादी घटनाओं में संलिप्त व्यक्ति से पूछताछ करने के लिए सरकार को संबंधित राज्य की पुलिस से पहले इजाजत लेनी पड़ती है लेकिन इस संशोधन विधेयक के पारित हो जाने के बाद एनआईए सीधे उस व्यक्ति से पूछताछ कर सकेगी उसे राज्य सरकार की पुलिस की इजाजत नहीं लेनी होगी.