वाशिंगटन में इंडियन एम्बेसी के सामने खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय पत्रकार के साथ की बदसलूकी, भारतीय दूतावास ने की निंदा
वाशिंगटन डीसी में इंडियन एम्बेसी के सामने भारतीय पत्रकार ललित झा के साथ खालिस्तानी समर्थकों द्वारा बदसलूकी की गयी। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ भारतीय पत्रकार ललित झा के साथ पहले तो अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया, फिर शारीरिक और मौखिक रूप से हमला किया गया।
#WATCH वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानियों ने पत्रकार ललित के झा पर शारीरिक और मौखिक रूप से हमला किया।
(वीडियो सोर्स- ललित के झा)
(नोट- अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है) pic.twitter.com/VQMGSF45Tt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 26, 2023
पत्रकार ललित झा शनिवार दोपहर भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन की कवरेज कर रहे थे, तभी उन पर खालिस्तानी समर्थकों ने पहले तो मौखिक फिर शारीरिक रूप से हमला किया। हमले के दौरान पत्रकार ललित झा ने पूरी बहादुरी से खालिस्तान समर्थकों का सामना किया और करारा जवाब दिया था।
झा ने रविवार को यूएस सीक्रेट सर्विस को अपनी रक्षा करने और अपना काम करने में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि खालिस्तानी समर्थकों ने उनके बाएं कान पर दो डंडे मारे। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर खालिस्तानी समर्थकों का एक वीडियो भी शेयर किया है। झा ने रविवार को ट्वीट किया, मेरी सुरक्षा के लिए 2 दिन मेरा काम करने में मदद करने के लिए धन्यवाद @SecretService, नहीं तो मैं अस्पताल से यह लिख रहा होता।
Thank you @SecretService 4 my protection 2day 4 helping do my job, otherwise I would have been writing this from hospital. The gentleman below hit my left ear with these 2 sticks & earlier I had to call 9/11 & rushed 2 police van 4 safety fearing physical assault👇. pic.twitter.com/IVcCeP5BPG
— Lalit K Jha ललित के झा (@lalitkjha) March 25, 2023
इसके साथ ही इस मामले को लेकर भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि ‘हमने वाशिंगटन डीसी में तथाकथित ‘खालिस्तान विरोध’ को कवर करने के दौरान प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ भारतीय पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार, धमकी और शारीरिक हमले के परेशान करने वाले दृश्य देखे हैं. पत्रकार को पहले मौखिक रूप से धमकाया गया, फिर शारीरिक रूप से हमला किया गया और अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा और भलाई के लिए उनको डरते हुए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को बुलाना पड़ा, जिन्होंने तुरंत प्रतिक्रिया दी।