सेना प्रमुख बिपिन रावत की पाकिस्तान को चेतावनी के बाद, भारतीय वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने मंगलवार को पड़ोसी देश को एक कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारतीय वायु सेना पाकिस्तान द्वारा किसी भी दुस्साहस को रोकने के लिए हमेशा भारत-पाक सीमा पर अलर्ट की स्थिति में रहती है.
एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने मंगलवार को कहा, “वायु सेना सीमा पर हमेशा सतर्क रहती है, भले ही दुश्मन की हरकत हो या न हो. चूंकि नागरिक विमान भी कभी-कभी लाइन पार करते हैं, हमें इस स्थिति का भी ध्यान रखना होता है.”
Delhi: Defence Minister Rajnath Singh and IAF Chief Air Chief Marshal BS Dhanoa launch books on indigenisation efforts of defence equipment by services at a seminar on indigenisation plans of the Indian Air Force. pic.twitter.com/mhNL2PpdPv
— ANI (@ANI) August 20, 2019
इससे पहले, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी, अगर वह भारत के साथ एक और युद्ध करने की सोच रहा है. इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को “गलत कामों” को नहीं दोहराने की सलाह दी थी.
भारतीय वायुसेना के मुख्य एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को भारतीय वायु सेना की स्वदेशीकरण योजनाओं पर एक सेमिनार में सेना द्वारा रक्षा उपकरणों के स्वदेशीकरण प्रयासों पर पुस्तकों का शुभारंभ किया.
स्वदेशी रूप से विकसित उपकरणों पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए, एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि हम अपने पुराने जंग लड़ने वाले उपकरणों को बदलने के लिए नए स्वदेशी उपकरणों के पूरी तरह से तैयार होने का इंतज़ार नहीं कर सकते, न ही विदेश से हर रक्षा उपकरण आयात करना समझदारी होगी.
उन्होंने आगे कहा कि वायुसेना बल जल्द ही स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को शामिल करेगा और कहा कि राफेल फाइटर जेट जैसे मल्टीरोल लड़ाकू विमानों को शामिल करने से भारतीय वायुसेना की वैश्विक प्रभाव क्षमताओं में वृद्धि हुई है.
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वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वायुसेना द्वारा कई स्वदेशी रूप से विकसित रडार, विमान, बम और मिसाइलों को शामिल किया गया है.
उन्होंने कहा , “हमने 1000 पाउंड बमों के साथ शुरुआत की, फिर स्वदेशी रूप से 250 और 450 किलोग्राम बमों का निर्माण किया. हम एंटी-टैंक मिसाइल यानी हेलिना, एस्ट्रा एयर-टू-एयर मिसाइल और गौतम और गौरव लेजर-गाइडेड बम का परीक्षण कर रहे हैं.”
केंद्रीय रक्षा मंत्री, जो कार्यक्रम में मौजूद थे, ने भारतीय वायु सेना को तकनीकी रूप से उन्नत और अत्यंत शक्तिशाली बल करार दिया, और कहा कि हमारे पड़ोस में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ हाल ही में किये गए आक्रामक हमले इस बात के सबूत है कि हमारी वायुसेना कितनी सक्षम है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले सप्ताह रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) 2016 और रक्षा खरीद मैनुअल (डीपीएम) 2009 की समीक्षा करने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए महानिदेशक (अधिग्रहण) की अध्यक्षता में एक समिति के गठन को मंजूरी दी थी.