नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देने के लिए लोकसभा में पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं. राष्ट्रपति जी ने विकसित भारत के संकल्प को अपने प्रवचन में विस्तार दिया है…”
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, लगातार तीसरी बार कांग्रेस 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई. मुझे एक किस्सा याद आ रहा है. 99 मॉर्क्स लेकर एक बालक घूम रहा था. वह सबको दिखाता था, देखो,कितने ज्यादा मार्क्स आए हैं. लोग भी 99 सुनकर शाबासी देते थे; कुछ होशियार लोग बोले- किस बात की शाबाशी दे रहे हो, यह 100 में 99 नहीं है. यह 500 में मार्क्स आए हैं. आज कांग्रेस की हालत भी कुछ वैसी ही है. कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी ने शोले फिल्म को पीछे छोड़ा.
- .ये(राहुल गांधी) OBC वर्ग के लोगों को चोर बताने के मामले में सजा पा चुके हैं. इनको(राहुल गांधी) देश की सर्वोच्च अदालत पर गैर-जिम्मेदार बयान देने पर माफी मांगनी पड़ी है. इनपर वीर सावरकर का अपमान करने का मुकदमा है. इनपर देश की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष को हत्यारा कहने का मामला चल रहा है…आज देश इनसे कह रहा है कि तुमसे नहीं हो पाएगा: PM मोदी
- PM मोदी ने कहा, “कांग्रेस पार्टी खुलेआम एक जाति को दूसरी जाति के खिलाफ लड़ाने के लिए रोज नए-नए नैरेटिव गढ़ रही है और नई-नई अफवाहें फैला रही है…मंचों से साफ-साफ घोषणा की गई कि यदि 4 जून को इनके मन का परिणाम नहीं आया तो आग लगा दी जाएगी. अराजकता फैलाना उनका उद्देश्य है…”
- विपक्षी सांसदों की नारेबाजी पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, देश की जनता ने आदेश दे दिया है कि आप विपक्ष में ही बैठो. कांग्रेस लगातार तीसरी बार 100 से नीचे रह गई है. लेकिन उनके नेता शीर्षासन कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि उन्होंने हमें हरा दिया है. मेरा सामान्य जीवन का अनुभव कहता है कि लोग इसी तरह से बच्चे का मन बहलाते हैं. आजकल लोग मन बहलाने का काम कर रहे हैं.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा, “जनता ने हमें दुनिया के सबसे बड़े चुनाव अभियान में चुना है. मैं कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं कि लगातार झूठ चलाने के बावजूद भी उनका घोर पराजय हुआ…”
- PM मोदी ने कहा, “कल और आज कई मान्य सदस्यों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किए हैं. विशेष कर जो पहली बार सांसद बनकर हमारे बीच आए हैं और उनमें से कुछ साथियों ने अपने जो विचार व्यक्त किए, संसद के नियमों का पालन करते हुए किए, उनका व्यवहार ऐसा था जैसे एक अनुभवी सांसद का होता है और इसलिए प्रथम बार आने के बावजूद भी उन्होंने सदन की गरिमा को बढ़ाया है और उन्होंने अपने विचारों से इस परिचर्चा को और अधिक मूल्यवान बनाया है…”
- लंबे अरसे तक देश ने तुष्टीकरण के शासन के मॉडल को भी देखा और हमने धर्मनिरपेक्षता का जो प्रयास किया वो भी देखा. हम तुष्टीकरण नहीं संतुष्टीकरण के विचार को लेकर चले हैं…: PM मोदी