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राष्ट्रपति के काफिले में दुनिया की सबसे सेफ कार, छह फूट ऊंचे बॉडीगार्ड और जर्मन घोड़े, जाने क्यों है खास

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति मुर्मू ने 18वीं लोकसभा के तहत गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. लेकिन संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए जैसे ही राष्ट्रपति राष्ट्रपति भवन से अपने काफिले के साथ निकलीं तो उनकी कार और उनका काफिला एक बार फिर आकार्षण का केंद्र बन गई. चलिए जानते हैं कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की कार और उनके काफिले से जुड़ी कुछ अहम बातें.

 

ऑफिशयर कार है सबसे सुरक्षित

राष्ट्रपति मुर्मू की ऑफिशयर कार की बात करें तो इस कार का नाम है मर्सिडीज मेबैक एस 600 पुलमैन गार्ड. यह कार दुनिया भर में अपनी सेफ्टी फीचर के लिए जानी जाती है. इस कार को दुनियाभर में लिमोजीन के रूप में भी जाना जाता है. इसपर ना तो गोलियों का, ना ही बम का और ना ही गैस अटैक का असर पड़ता है. इस कार में बुलेट प्रुफ अलॉय व्हील, प्रिवेंटिव शील्ड्स और ऑटोमेटेड लॉक कंट्रोल, ऑक्सीजन सप्लाई, पैनिक अलार्म सिस्टम और अंटेशन असिस्ट जैसे कई अहम फीचर्स भी हैं.

 

राष्ट्रपति की सुरक्षा का जिम्मा PBJ के हाथों

भारत के राष्ट्रपति की सुरक्षा अपने आप में बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी को राष्ट्रपति के अंगरक्षक जिन्हें हम प्रेसिडेंट बॉडी गार्ड यानी पीबीजी के नाम से भी जानते हैं, के हवाले होती है. राष्ट्रपति के अंगरक्षक भरतीय सेना का एक घुड़सवार रेजिमेंट है. यह भारतीय सेना की इकाइयों की पूर्वता के क्रम में सबसे वरिष्ठ है. राष्ट्रपति के अंगरक्षक की प्राथमिक भूमिका राष्ट्रपति को बचाना और उनकी रक्षा करना है. इस रेजिमेंट का हर एक जवान पैरा ट्रुपिंग से लेकर तमाम विधाओं में दक्ष होते हैं. इस रेजिमेंट की सबसे बड़ी पहचान हैं इनके खूबसूरत घोड़े. राष्ट्रपति के काफिले में जो घोड़े शामिल किए जाते हैं वो जर्मन नस्ल के होते हैं.