देश में चल रही मौजूदा हालातों ने हर चीज़ों को एक नया स्वरुप दे दिया हैं, और इसी क्रम में इस बार आने वाला बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद भी बीजेपी ने विर्चुअलि रैली के द्वारा फूंक दिया है,मगर राजनीति में जब तक बवाल न हो तो राजनीती में वो स्वाद कहां। ऐसा ही एक हड़कंप बिहार की राजनीति में तब आ गया जब बिहार के अखबारों में छपे एक विज्ञापन ने राजनीतिक गलियारों में दस्तक दे दी।
दरअसल बिहार के अखबारों में एक विज्ञापन आया, विज्ञापन में एक युवती ने बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। यह युवती कोई और नहीं बल्कि जेडीयू नेता विनोद चौधरी की बेटी पुष्पम प्रिया चौधरी है। पुष्पम के ट्विटर डीटेल के अनुसार उन्होंने इंग्लैंड के द इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज विश्वविद्यालय से एमए इन डेवलपमेंट स्टडीज और लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एंड पॉलीटिकल साइंस से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए किया है। इन्होंने विज्ञापन में दावा किया की बिहार मुख्यमंत्री पद की दूसरी दावेदार ये खुद है।
पुष्पम प्रिय चौधरी ने अपनी एक नयी पार्टी का भी निर्माण किया है जिसका नाम रखा गया है “प्लुरलस” और इनके पार्टी के नाम से ज़्यादा रोचक है इनकी पार्टी का चिन्ह। लाल और सफ़ेद रंग में एक ऐसा घोडा जिसके पंख लगे हुए है। इस चिन्ह को लेकर पुष्पम प्रिय चौधरी का कहना है की बिहार अपने सपनों की उड़ान के साथ तैयार है। जिस तरह पंखो के साथ ये दिव्य घोड़ा है उसी प्रकार बिहार भी हर क्षेत्र में बड़ी बड़ी ऊचाईयों को छूयेगा। साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया की अगर वो बिहार की मुख्यमंत्री बनती है तो 2025 तक बिहार विकसित राज्य बनेगा। यही नहीं वर्ष 2030 तक बिहार विकास के मामले में यूरोपीय देशों जैसा हो जाएगा।
गौर करने वाली बात ये है की बिहार में पहली बार एक ऐसी पार्टी का गठन हुआ है जिसका नाम ही ना केवल अंग्रेजी में है बल्कि उसका पार्टी चिन्ह भी आम जनता के लिए अनोखा है। बिहार का ये नया चेहरा बिहार की राजनीति में एक नए मुद्दे को अपना चुनावी मुद्दा बनाना चाह रहा है, जिसमे बिहार के लिए पॉलिसी मेकिंग ही सबकुछ हैं।
बिहार तब से चीनी उद्योग का चैम्पियन था जब देश में यह स्थापित भी नहीं हुआ था। अब पश्चिम व दक्षिण के शुष्क राज्य भी चीनी उद्योग में आगे निकल गए तो यह कुछ और नहीं बल्कि बनमनखी जैसी बिहार की सैकड़ों चीनी मिल के पतन की क़ीमत पर हुआ है। और पुनर्जीवन के प्रयास? सिफ़र! #30YearsLockdown pic.twitter.com/bsVVEIYKVd
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) May 29, 2020
मिशन 2020-2030 (लक्ष्य-1): 5 करोड़ गरीब जनसंख्या से शून्य ग़रीबी तक। #ProgressiveBihar2020 pic.twitter.com/SIkyxZRIhj
— Plurals (@Plurals1313) May 26, 2020
इनके सोशल मीडिया पर ट्वीट्स और पोस्ट देखकर यही ज़ाहिर होता आया है की इनके लिए पॉलिसी मेकिंग ही चुनावी मुद्दा है और चुनाव जीतने का तंत्र भी। यूरोपियन राजनीत से प्रेरित होकर पुष्पम प्रिया चौधरी एक नयी और अनोखी राजनितिक पारी के लिए खुद को तैयार बताती है, और साथ ही खुद को बिहार के मुख्यमंत्री पद का मजबूत दावेदार भी बताती है, मगर देखने वाली बात ये है की क्या बिहार की जनता अपनी सियासत में एक नए युवा चेहरे को मौका देने के लिए तैयार है ?