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फैक्ट चेक: भारत से बीफ एक्सपोर्ट और पिंक क्रांति की बात करते पीएम मोदी का यह वीडियो सालों पुराना, जानें पूरा सच

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फैक्ट चेक: भारत से बीफ एक्सपोर्ट और पिंक क्रांति की बात करते पीएम मोदी का यह वीडियो सालों पुराना,  जानें पूरा सच

सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में वह पिंक रिवोल्युशन पर बात करते हुए कह रहे हैं कि भारत सरकार का सपना पूरा हुआ। मांस मटन के एक्सपोर्ट में भारत सरकार ने खुद कहा कि वह दुनिया में नंबर 1 पर आ गया है। इस वीडियो को शेयर कर सोशल मीडिया यूजर्स मोदी और बजरंग दल पर कटाक्ष कर रहे हैं।

फेसबुक पर वायरल वीडियो शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि,’फेकू का बीफ निर्यात में भारत नंबर वन पिंक क्रांति का सपना हुआ पूरा |

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

फैक्ट चेक: 

 

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि 12 साल पुराना है।

देश के कई राज्यों में गोहत्या पर रोक है। इसके बावजूद आये दिन गौ तस्करी को लेकर मॉब लिंचिंग की कथित खबरें सुर्ख़ियों में रहती हैं। इसी बीच पीएम मोदी का एक वीडियो वायरल है जिसमें वे देश को गोमांस एक्सपोर्ट में दुनिया का नंबर 1 देश बता रहे हैं। वीडियो का सच पता करने के लिए हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल ओपन सर्च किया। इस प्रक्रिया में हमें साल 2012 में पीएम मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इस वीडियो को पूरा देखने पर पता चला कि वायरल क्लिप इसी वीडियो का हिस्सा है।

गौर करने वाली बात है कि इस वीडियो में नरेंद्र मोदी केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कह रहे हैं कि इस सरकार ने बीफ एक्सपोर्ट के मामले में दुनिया का पहला दर्जा हासिल कर लिया है। पीएम मोदी का यह वीडियो तब का है जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस समय देश के पीएम मनमोहन सिंह थे।

कुछ कीवर्ड्स की मदद से फ़िल्टर का प्रयोग करते हुए गूगल सर्च करने पर हमें नरेंद्र मोदी की वेबसाइट पर भी यह वीडियो मिला। इस वीडियो में भी वह तत्कालीन केंद्र सरकार की गोमांस एक्सपोर्ट नीति की आलोचना करते दिखाई दे रहे हैं।

इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो जाता है कि पीएम मोदी का करीं 12 साल पुराना वीडियो हालिया दिनों का बताकर वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो में वे अपनी सरकार का नहीं बल्कि केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहे थे।