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फैक्ट चेक: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की बेटी को एडमिशन दिलाने के लिए नहीं बदले NEET PG के नियम, भ्रामक दावा हो रहा है वायरल

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फैक्ट चेक: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की बेटी को एडमिशन दिलाने के लिए नहीं बदले NEET PG के नियम, भ्रामक दावा हो रहा है वायरल

 

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। पोस्ट में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और उनकी पुत्री की एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर के साथ दावा किया जा  NEET PG 2023 की काउंसिलिंग के नियमों में बदलाव के चलते स्वास्थ्य मंत्री की बेटी को NEET PG में एडमिशन मिल गया।

फेसबुक पर वायरल पोस्ट को शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि ‘स्वास्थ्य मंत्रालय ने NEETPG2023 की काउंसलिंग के लिए सभी वर्गों की कटऑफ को घटाकर क्वालिफाइंग पर्सेंटाइल जीरो कर दिया है। इस फैसले के बाद आरोप लग रहे हैं कि Mansukh Mandaviya की बेटी को एडमिशन दिलाने के लिए नियमों में बदलाव हुए हैं।‘  

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

 

फैक्ट चेक:
न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो पोस्ट फर्जी है।
दरअसल, पिछले दिनों केंद्र सरकार ने NEET PG की क्वालिफाइंग की कटऑफ घटाकर जीरो पर्सेंटाइल कर दी है। इसी के बाद से सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अपनी बेटी का एडमिशन करवाने के लिए NEET PG के नियमों में बदलाव किया है।
इसी वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। पड़ताल के दौरान हमने कुछ सम्बंधित कीवर्ड्स के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें ट्विटर पर FORDA के आधिकारिक हैंडल द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला। FORDA यानी फेडरेशन ऑफ़ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, ट्वीट में उन्होंने वायरल दावे पर सफाई देते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की बेटी ने NEET PG में प्रवेश हेतु रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवाया है। उसके लिए percentile कम करने को इस बात से जोड़ना एक बेबुनियाद बात है।

इसके बाद पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें ट्विटर पर Bharat 24 नामक चैनल का एक आधिकारिक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में केंद्रीय स्वास्थय मंत्री का एक इंटरव्यू है। जहां उन्होंने वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा कि मेरी बेटी ने नीट में रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवाया है और ऐसे में उसके लिए कोई नियम बदलने का सवाल ही नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि पीजी में इस साल 20-13 हजार सीटें खाली रहने की संभावना है। एक ओर युवाओं को बाहर जाना पड़ता है, दूसरी ओर सीटें खाली रहती हैं। तीसरी बात यह है कि हम लोग मेडिकल कॉलेज बढ़ा रहे हैं और डॉक्टरों की कमी है। ऐसी स्थिति में हर साल 50% परसेंटाइल को कम करते हैं और 20% तक ले जाते हैं, लेकिन उसके बाद भी सीटें खाली रह जाती थीं।  पहले काउंसलिंग नहीं होती थी और छोड़ दिया जाता था। जब तक सीट न भर जाए तब तक भारत सरकार की ओर से काउंसलिंग होती रहेगी, ताकि स्टूडेंट को प्राइवेट कॉलेज में पैसा देकर एडमिशन लेने की नौबत न आए और मेरिट से ही उसे एडमिशन मिले।

इसके साथ ही इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि जीरो परसेंटाइल का मतलब यह नहीं है कि किसी स्टूडेंट का जीरो नंबर आया है और उसे भी एडमिशन मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका मतलब यह है कि ऊपर से जब तक सीटें खाली हैं, तब तक उसकी काउंसलिंग होती रहेगी और उसे एडमिशन मिल जाए।

 

पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमने जाना कि वायरल पोस्ट फर्जी है, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया की बेटी ने नीट PG में रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवाया।