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जेलर ने किया टॉर्चर, माफीनामे पर ज़बरदस्ती कराये दस्तखत: प्रियंका शर्मा

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तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जुड़ा मीम फेसबुक पर साझा करने पर गिरफ्तार हुई युवा भाजपा कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा ने बुधवार को रिहाई के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर ममता सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया.

उन्होंने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि रिहाई से पहले उनसे ज़बरदस्ती माफीनामे पर हस्ताक्षर करवाए गए. उन्होंने यह आरोप भी लगाए कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 18 घंटे बाद उन्हें रिहा किया गया और इस दौरान उन्हें उनके वकीन और परिवार से भी मिलने नहीं दिया गया.

उन्होंने कहा कि फेसबुक पर महज़ एक मीम शेयर करने को लेकर मुझे पांच दिनों तक जेल में रखा गया, ये सीधे तौर पर अभिव्यक्ति की आज़ादी का हनन है.

माफ़ी मांगने की सुप्रीम कोर्ट की पूर्व शर्त पर उन्होंने कहा कि उन्होंने जो किया उसके लिए उन्हें कोई पछतावा नहीं है और वे इसके लिए माफ़ी भी नहीं मांगेंगी. उन्होंने कहा कि वे इस मुकदमे को लड़ेंगी.

जेल में बीते पांच दिनों के दौरान हुई परेशानियों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जेलर ने उनके साथ मारपीट की और उन्हें टॉर्चर किया. उन्होंने आगे कहा कि जेल में खाने पीने की बेहद खराब व्यवस्था थी और गंदगी के कारण सोना नामुमकिन था.

प्रियंका शर्मा को 10 मई को फेसबुक पर एक तस्वीर साझा करने के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसमें प्रियंका चोपड़ा के मेट गाला लुक पर ममता बनर्जी के चेहरे को चस्पा कर मीम बनाया गया था.

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भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत गिरफ्तारी के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया था, लेकिन 14 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को मंज़ूरी दे दी थी.

हालांकि तत्काल रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करते हुए कोलकाता पुलिस ने बुधवार सुबह 9:40 पर शर्मा को रिहा किया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को जमकर फटकार लगायी.