बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) से होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 108 तक पहुंच गयी है. बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार जब स्थिति का जायज़ा लेने श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (एसकेएमसीएच) पहुंचे, तो वहां बाहर खड़े लोगों ने उनका जमकर विरोध किया। यहां तक कि ‘नितीश गो बैक ‘ के नारे भी लगाए गए.
Muzaffarpur: Locals hold protest outside Sri Krishna Medical College and Hospital as Bihar CM Nitish Kumar is present at the hospital; Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) is 108. pic.twitter.com/dRZ1TfQ4o5
— ANI (@ANI) June 18, 2019
#WATCH Locals hold protest outside Sri Krishna Medical College and Hospital in Muzaffarpur as Bihar CM Nitish Kumar is present at the hospital; Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) is 108. pic.twitter.com/N1Bpn5liVr
— ANI (@ANI) June 18, 2019
चमकी बुखार से पीड़ित ज्यादातर मरीज मुजफ्फरपुर के सरकारी श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल अस्पताल में एडमिट हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, हर्षवर्धन ने भी रविवार, 16 जून को मुज़फ़्फ़रपुर में श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) का दौरा किया था, जिस दौरान उन्होंने एक बच्ची की मौत भी देखी थी.
मुजफ्फरपुर से पटना लौटने पर मंत्री वर्धन को भी विरोध का सामना करना पड़ा था और उनके सामने काले झंडे लहराए गए थे.
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बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र सिंह कुशवाहा ने भी सोमवार को अस्पताल का दौरा किया था, जिस दौरान उन्होंने इस बीमारी से निपटने में केंद्र सरकार की असफलता पर हमला बोला था.
बिहार में चमकी बुखार से होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के लिए मानवाधिकार आयोग ने केंद्र और राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है और केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ बीमारी से पहले एक्शन नहीं लेने के आरोप में केस दर्ज किया गया है.
चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार, शरीर के बढ़ते तापमान के साथ साथ इसके लक्षणों में बेहोशी, तेज बुखार, उल्टी और मतली शामिल हैं.
लांसेट ग्लोबल हेल्थ ने 2014 में चमकी बुखार के कारण दर्ज की गई मौतों के बाद एक सर्वेक्षण किया था, जिससे लीची की खपत और चमकी बुखार से होने वाली मौतों के बीच एक कड़ी सामने आयी. पिछले दशक में राज्य ने संदिग्ध चमकी बुखार से 400 से अधिक मौतों का ट्रैक रिकॉर्ड रखा है, राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुसार चमकी बुखार “आम तौर पर उन बच्चों पर असर करता है जो रात में खाली पेट सोते हैं और जमीन पर गिरी हुई लीची खाते हैं”.