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गुरुग्राम में कोरोना संक्रमित मरीजों के काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग का कार्य शुरू

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कोविड-19 के जिला में प्रसार को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों के काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। वीरवार को इस संबंध में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के संपदा अधिकारी-1 भारत भूषण गोगिया ने कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया कि किस तरह से उन्हे कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए कान्टैक्ट को ढूंढना है।

गुरूग्राम के मंडलायुक्त अशोक सांगवान द्वारा वरिष्ठ आईएएस तथा एचसीएस अधिकारियों को गुरूग्राम जिला में कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए दिए गए दायित्वों के बाद सभी ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। कोरोना के जो पाॅजीटिव केस रिपोर्ट होते हैं उनके संपर्क में आए लोगों की तलाश करने, सभी प्राथमित स्वास्थ्य केन्द्रो के माध्यम से रैपिड रिस्पांस टीमों द्वारा काॅन्टैक्ट ट्रैसिंग के कार्य का सुपरविजन, आरआरटी को सुविधाएं प्रदान करने, कान्टैक्ट ट्रेसिंग का डाटा तैयार करने तथा हाई रिस्क काॅन्टैक्ट की सैपलिंग करवाने के कार्य आदि पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी मंडलायुक्त द्वारा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासक जितेन्द्र यादव को दी गई थी। इस कार्य में उनका सहयोग करने के लिए प्राधिकरण के संपदा अधिकारी-1 भारत भूषण गोगिया को लगाया गया था।

इस कड़ी में श्री गोगिया ने प्राधिकरण के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के बाद बताया कि काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग को लेकर एक प्रोफाॅर्मा बनाकर इन कर्मचारियों को दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रोफाॅर्मा में सभी 28 अर्बन पीएचसी यह जानकारी भरकर देंगे कि मैडिकल आॅफिसर, फार्मेस्सिट , एएनएम, आशावर्कर, कम्प्यूटर आॅप्रेटर, लैब टैक्नीशियन, लैब असिस्टेंट , सेवादार आदि के कितने स्वीकृत पद हैं तथा उनमें कितने भरे हुए हैं। इसी प्रकार के दूसरे प्रोफाॅर्मा में हर अर्बन पीएचसी के क्षेत्र में आए कोरोना पाॅजीटिव केसों की संख्या दी गई है, उन सभी मरीजों के परिवार के सदस्यों , पिछले सात दिनों में संपर्क में आए लोगों की संख्या, उनमें से कितनेे एसिंप्टोमैटिक हैं तथा कितने सिप्टोमैटिक होने के बाद अस्पताल अथवा पेड आइसोलेशन या होम आइसोलेशन में रखे गए हैं। यह जानकारी संबंधित पीएचसी के मैडिकल आॅफिसर द्वारा भरकर दी जाएगी।

श्री गोगिया ने बताया कि एक प्रोफार्मा रैपिड रिस्पांस टीम के लिए भी बनाया गया है जिसमे वह रोगी का नाम सहित पूरा विवरण भरने के साथ साथ उसके परिजनों तथा पिछले सात दिन में नजदीकी संपर्क में आए व्यक्तियों का ब्यौरा भरकर देगी। उन्होंने बताया कि इसमें हर स्वास्थ्य केन्द्र वाइज यह डाटा तैयार हो जाएगा कि पाॅजीटिव केसो के संपर्क में आए कितने लोगों की काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग हो चुकी है तथा कितने व्यक्ति छूट गए हैं। इसके बाद, छूटे हुए व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच करके बैकलाॅग पूरा किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि आज प्रशिक्षण में सभी कर्मचारियों को यह बताया गया है कि उन्हें संक्रमित व्यक्तियों के परिजनों से क्या जानकारी हासिल करनी है। उदाहरण के तौर पर उनसे पूछना है कि उन्हे बुखार , सांस लेने में दिक्कत , कुछ खाने या पीने के दौरान स्वाद नही आना, सूखी खांसी , गले में खराश  या अन्य कोई दिक्कत तो नही है। साथ ही परिवार के सदस्यों से यह जानकारी भी जुटानी है कि वे अपने घर , अस्पताल या पेड आइसोलेशन में हैं। उनसे संपर्क में आए व्यक्तियों से भी बातचीत करनी है इसलिए परिजनो से पूछना होगा कि पिछले सात दिन में उनके घर कौन कौन व्यक्ति आए हैं। उन व्यक्तियों के स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी लेनी है। इस दौरान यदि किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे होम आइसोलेशन की सलाह देते हुए स्वास्थ्य विभाग को सूचित करके आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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