अयोध्या: राम मंदिर के लिए नियुक्त किए गए 24 पुजारी, यहाँ पढ़ें कैसे हुआ पुजारियों का चयन, क्या थी प्रक्रिया
अयोध्या के राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होने वाला है। इसके लिए अयोध्या में लगभग सभी तैयारियां हो चुकी हैं। राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 7 हजार अतिथियों को आमंत्रित किया है। इसमें तीन हजार वीवीआईपी और 4 हजार संत शामित हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। इन सबके बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर के लिए पुजारियों की नियुक्ति की। ट्रस्ट ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए कुल 24 पुजारियों की नियुक्ति की है। तो आईये जानते हैं राम मंदिर के लिए कैसे पुजारियों का चयन किया गया है।
पुजारियों का कैसे हुआ चयन
राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा पुजारियों की रिक्तियों के विज्ञापन दिया गया था। जिसके बाद लगभग 3240 उम्मीदवारों ने अयोध्या में राम मंदिर में पुजारी के पदों के लिए आवेदन किया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 225 उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर इंटरव्यू के लिए चुना गया, जिन्हें 18, 19, 20 नवंबर को बुलाया गया था।
जिन 225 उम्मीदवारों का चयन किया गया है, उन्हें अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के मुख्यालय कारसेवक पुरम में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इस दौरान 14 सवालों के जवाब को हल करके हुआ था। जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में संध्या वंदन, नाम, गोत्र, शाखा, प्रवर, दूसरे चरण में आचार्य की डिग्री के अनुसार प्रश्न पूछे गए। अंतिम दौर के तीन सवाल बेहद कठिन थे। गौरतलब है कि 3 चरणों में इंटरव्यू के बाद 3240 अभ्यर्थियों में से 25 को प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया था लेकिन बाद में एक ने अपना नाम वापस ले लिया था।
योग्यता के आधार पर हुआ पुजारियों का चयन
उल्लेखनीय है कि रामलला के मंदिर में पुजारी बनने के लिए आवश्यक शर्त रखी गई थी। जिसके मुताबिक उम्मीदवार का किसी मान्यता प्राप्त गुरुकुल से वेद, शास्त्र और संस्कृत की शिक्षा प्राप्त करना जरूरी है। उम्मीदवारों को रामानंदीय परंपरा में दीक्षित होना चाहिए। ऐसे में सभी पुजारियों के चयन के दौरान हुए साक्षात्कार में वेद, कर्मकांड और वैदिक मंत्रों के ज्ञान पर ध्यान दिया गया है। इन सभी चयनित पुजारियों को तीन माह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान सभी पुजारियों को गुरुकुल परंपरा का पालन करना होगा।
सभी पुजारियों को रामानंदी परंपरा के अनुसार प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान पुजारी ना तो मोबाइल का प्रयोग कर सकते हैं और न ही किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने की अनुमति है। पुजारियों को पौरोहित्य व कर्मकांड का प्रशिक्षण राममंदिर के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण और महंत सत्यनारायण दास दे रहे हैं।
मंदिर के लिए गैर ब्राह्मण जाति के पुजारियों का भी किया गया चयन
राम मंदिर के लिए कुल 24 पुजारियों का चयन किया गया है, जिसमें 2 पुजारी अनुसूचित जाति और एक पिछड़ा वर्ग से संबंध रखते हैं।
कितना मिलता है वेतन
जानकारी के मुताबित श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मई माह में पहला इंक्रीमेंट देते हुए मुख्य पुजारी को 25,000 रुपये और सहायक पुजारियों को बीस हजार रुपये प्रति माह प्रदान करने का निर्णय लिया था। वहीं अक्टूबर माह में पुन: मुख्य पुजारी का वेतन 25,000 रुपये से बढ़ाकर 32,900 रुपये और सहायक पुजारियों का वेतन 31,000 किए गए थे।