बाल्टीमोर: अमेरिका के बाल्टीमोर में बीते दिन एक बेहद ही खतरनाक दुर्घटना हुई जिसमें एक जहाज की टक्कर से बड़ा पुल ढह गया. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज के ढहकर पानी में गिर जाने से छह लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है. साथ ही अधिकारियों ने यह मानते हुए रेस्क्यू बंद कर दिया है कि लापता लोगों की टक्कर में मौत हो गई है.
कंटेनर जहाज डाली को भारतीय चालक दल द्वारा ऑपरेट किया जा रहा था. जो कि फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज से टकरा गया. चालक दल के सभी 22 सदस्य सुरक्षित है, वहीं पुल पर मरम्मत करने वाले छह लोग लापता हैं, वे उस निर्माण दल का हिस्सा थे जो आधी रात के आसपास पुल ढहने पर उस पर गड्ढों की मरम्मत के काम में लगे थे.
जहाज के पंजीकृत मालिक, ग्रेस ओशन पीटीई लिमिटेड, जो सिनर्जी मरीन ग्रुप के प्रबंधक के रूप में भी काम करते हैं, ने बताया कि कंटेनर जहाज डाली, सिंगापुर का झंडा फहराते हुए, मैरीलैंड के बाल्टीमोर में फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज के एक खंभे से टकरा गया. अधिकारियों के अनुसार, विमान में सवार दो पायलटों सहित चालक दल के सभी सदस्यों का हिसाब-किताब कर लिया गया है, जिन्होंने कहा कि घटना का सटीक कारण अभी तक अज्ञात है, लेकिन “डाली” ने अब अपनी योग्य व्यक्तिगत घटना प्रतिक्रिया सेवा को सक्रिय कर दिया है. किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
अपने आधिकारिक ‘X’ अकाउंट पर मैरीलैंड ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी ने पोस्ट किया है कि I-695 की ब्रिज पर हुई घटना के कारण सभी लेन बंद हैं. ट्रैफिक को डायवर्ट किया जा रहा है. 1977 में खोला गया यह पुल पटप्सको नदी तक फैला है, जो एक महत्वपूर्ण धमनी है, जो बाल्टीमोर बंदरगाह के साथ-साथ पूर्वी तट पर शिपिंग का केंद्र है. इसका नाम स्टार स्पैंगल्ड बैनर के लेखक के नाम पर रखा गया है.
Baltimore Bridge In The US Collapses After Being Struck By Ship pic.twitter.com/QovnPnMxch
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) March 26, 2024
जब जहाज पुल से टकराया, तो कई वाहन और 20 लोग पटाप्सको नदी में गिर गए. वीडियो फ़ुटेज में तेज़ गति से आगे बढ़ रहा 300 मीटर का कंटेनर जहाज़ पुल से टकराता हुआ दिखाई दे रहा है. एएफपी के अनुसार, मूर ने कहा, “हम आभारी हैं कि मेडे की वजह से हमारे पास ऐसे अधिकारी थे जो यातायात को रोकने में सक्षम थे, ये लोग नायक हैं. उन्होंने कल रात लोगों की जान बचाई.” हालांकि कुछ सोशल मीडिया दावों के मुताबिक ये अमेरिका पर एक साइबर हमला था और इसे “WW3 की शुरुआत” के रूप में चिह्नित किया गया था.