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अमरनाथ यात्रा: चार दिनों में 74000 श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के किए दर्शन, कड़ी सुरक्षा में हो रही है वार्षिक तीर्थयात्रा

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अमरनाथ यात्रा: चार दिनों में 74000 श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के किए दर्शन, कड़ी सुरक्षा में हो रही है वार्षिक तीर्थयात्रा

 

दक्षिण कश्मीर हिमालय में पिछले चार दिनों से कड़ी सुरक्षा में वार्षिक तीर्थयात्रा चल रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस दौरान कुल  74,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए, इस बीच आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से 5,725 यात्रियों का एक और जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ।

इनमें से 2514 यात्री 118 वाहनों के सुरक्षा काफिले में उत्तरी कश्मीर बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए, जबकि 3,211 यात्री सुरक्षा बलों की सुरक्षा में 120 वाहनों में सवार होकर दक्षिण कश्मीर नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुए।”

शहर के महाजन हाल, रेलवे स्टेशन के पास वैष्णवी धाम और पंचायत भवन में तत्काल पंजीकरण जारी है। इसमें बड़ी संख्या में वे यात्री भी पहुंच रहे हैं, जिनका ऑनलाइन अग्रिम यात्री पंजीकरण हो चुका है। यात्रा के साथ मानसून के सक्रिय होने से निरंतर जम्मू संभाग के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। इस दौरान IMD ने दोनों यात्रा मार्गों पर आमतौर पर बादल छाए रहने और सुबह के समय हल्की बारिश/गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई है।

बता दें कि यात्री या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग से या फिर 14 किलोमीटर लंबे छोटे बालटाल मार्ग से यात्रा करते हैं।  पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग गुफा मंदिर के अंदर ‘दर्शन’ करने के बाद उसी दिन आधार शिविर में लौट आते हैं। समुद्र तल से 3888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना ​​है कि बर्फ की यह संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है।

इस वर्ष लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग, जुड़वां यात्रा मार्गों, दो आधार शिविरों और गुफा मंदिर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं ताकि यात्रा को सुचारू और दुर्घटना-मुक्त बनाया जा सके। दोनों मार्गों और पारगमन शिविरों और गुफा मंदिर में 124 से अधिक ‘लंगर’ (सामुदायिक रसोई) स्थापित किए गए हैं। इस वर्ष की यात्रा के दौरान 7,000 से अधिक ‘सेवादार’ (स्वयंसेवक) यात्रियों की सेवा कर रहे हैं। यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने 3 जुलाई से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है। यात्रियों के लिए दोनों मार्गों पर हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।