सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी राजनयिक को टिप्पणी करना पड़ा भारी, विदेश मंत्रालय ने किया तलब
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी को लेकर अमेरिका ने टिप्पणी की है। जिसपर भारत ने नाराजगी जताई है। दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की कार्यवाहक मिशन उपप्रमुख ग्लोरिया बेर्बेना को तलब किया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक ग्लोरिया बेर्बेना की करीब 40 मिनट तक विदेश मंत्रालय में मुलाकात चली।
भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि “हम भारत में कुछ कानूनी कार्यवाहियों के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हैं। कूटनीति में, राज्यों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है… भारत की कानूनी प्रक्रियाएं एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं जो उद्देश्यपूर्ण और समय पर परिणामों के लिए प्रतिबद्ध है। उस पर आक्षेप लगाना अनुचित है।
भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है।
“हम भारत में कुछ कानूनी कार्यवाहियों के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हैं। कूटनीति में, राज्यों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की… pic.twitter.com/x66FF5Tbj4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 27, 2024
गौरतलब है कि जर्मनी के बाद अमेरिका ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले में टिप्पणी की थी। अमेरिका की तरफ से कहा गया था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उनकी कड़ी नजर है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा था कि वो भारत के अहम विपक्षी दल के नेता की गिरफ्तारी और मामले में एक्शन पर निष्पक्ष जांच की उम्मीद जता रहे हैं।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम निष्पक्ष, समयबद्ध और पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया के लिए भारत की सरकार को प्रोत्साहित करते हैं.” अमेरिका ने अरविंद केजरीवाल से पहले नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA को लेकर बयान दिया था। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल के मामले में न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर हमारी करीबी नजर है. हम मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया की उम्मीद करते हैं.”