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सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह 18 जून को देश भर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा.

जस्टिस दीपक गुप्ता और सूर्यकांत की अवकाश पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की मांग के बाद मंगलवार के लिए इस मामले को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई.

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर, एक मरीज के परिजनों द्वारा उनके साथी के साथ मारपीट के विरोध में शुक्रवार को याचिका दायर की गई थी. बता दें कि मरीज़ की मृत्यु सोमवार रात को हुई थी.

याचिका में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश भर के सभी सरकारी अस्पतालों में सरकार द्वारा नियुक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के लिए केंद्रीय गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय के मंत्रियों और पश्चिम बंगाल प्रशासन को निर्देश देने की मांग की गई है.

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याचिका में कहा गया है कि विरोध प्रदर्शनों के कारण देश में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से बाधित हो गई हैं और कई लोग डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण मर रहे हैं.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने सोमवार को घोषणा की कि वे देश भर के डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाते हुए हड़ताल पर जाएंगे. जो पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हुई हिंसा के विरोध में काम का बहिष्कार कर रहे हैं.

आज एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) द्वारा जारी किये गए एक बयान के अनुसार, एम्स के डॉक्टरों, जिन्होंने पहले कहा था कि वे हड़ताल में भाग नहीं लेंगे, उन्होंने कहा कि वे आज दोपहर 12 बजे से मंगलवार सुबह 6 बजे तक ऐच्छिक सेवाओं को वापस ले लेंगे.

हालांकि कैजुअल्टी, आईसीयू और लेबर रूम सेवाओं सहित आपातकालीन सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी.

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल आज अपने सातवें दिन में प्रवेश कर गई है और देश के अन्य हिस्सों में भी फैल गई है.

एम्स के डॉक्टरों ने आज सुबह कैंपस में विरोध प्रदर्शन किया.

इस बीच, जयपुर के जयपुरिया अस्पताल के डॉक्टर भी आज हड़ताल पर हैं. वडोदरा के सर सयाजीराव जनरल अस्पताल के डॉक्टरों ने आज रोगी विभाग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.

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