राजस्थान में सियासी घमासान अब भी जारी है। इस बीच कांग्रेस ने स्पीकर के जरिए सचिन पायलट समेत जिन विधायकों को नोटिस जारी कराया था, उन्होंने अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सचिन पायलट की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने विधानसभा स्पीकर की तरफ से विधायकों को जारी नोटिस को असंवैधानिक बताया है और इसे निरस्त करने की मांग की है । हालांकि, जस्टिस सतीश चंद शर्मा की बेंच ने पायलट की याचिका पर सुनवाई कल तक के लिए टल लगा दी है।
वकील हरीश साल्वे ने कहा कि स्पीकर के इस नोटिस को रद्द किया जाना चाहिए और साथ ही इसे अवैधानिक घोषित भी किया जाए। साल्वे ने कहा कि सदन से बाहर हुई कार्यवाही के लिए स्पीकर (विधानसभा अध्यक्ष) नोटिस जारी नहीं कर सकते हैं। नोटिस की कोई संवैधानिक वैधता नहीं है। इस नोटिस को तुरंत रद्द किया जाए और अवैधानिक घोषित किया जाए। हरीश साल्वे का कहना है कि असंतुष्ट विधायक राजस्थान अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिसों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं।
ये भी पढ़े : दुनिया के कई ताकतवर लोगों का ट्विटर अकाउंट हुआ हैक, ओबामा, एलन मस्क से लेकर ये दिग्गज आये हैकर्स के निशाने पर!
राजस्थान सरकार के चीफ व्हिप डॉ.महेश जोशी ने इसे लेकर मेल से एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया था कि पायलट व उनके समर्थक विधायकों ने लगातार दो दिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल न होकर व्हिप का उल्लंघन किया है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए रात में ही विधानसभा खुलवाकर सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को नोटिस जारी कर दिए। यही नहीं गजेंद्र सिंह शक्तावत व रामनिवास गावड़िया के परिजनों ने नोटिस लेने से इनकार किया, तो उनके घर के बाहर नोटिस चिपका दिया गया।
नोटिस की वैधानिकता पर सवाल
राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व जज पानाचंद जैन ने पूरी कार्रवाई को गलत बताया। उनके अनुसार इस तरह के नोटिस की कोई वैधानिकता नहीं है। उनका कहना है कि विधानसभा के बाहर व्हिप जारी नहीं किया जा सकता। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मामले में विवेकपूर्ण निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने विधायकों के घरों के बाहर नोटिस चिपकाने के तरीके को भी गलत बताया।

इन विधायकों को नोटिस
सदस्यता रद करने को लेकर जिन विधायकों को नोटिस जारी किया गया है उनमें सचिन पायलट के अलावा विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, भंवरलाल शर्मा, हेमाराम चौधरी, गजेंद्र सिंह शक्तावत, दीपेंद्र सिंह शेखावत, रामनिवास गावड़िया, इंद्रराज गुर्जर, मुरारीलाल मीणा, गजराज खटाणा, पीआर मीणा, राकेश पारीक, वेद प्रकाश सोलंकी, सुरेश मोदी, मुकेश भाकर, हरीश मीणा, बृजेंद्र ओला व अमर सिंह शामिल हैं।